चित्रकूट में टूटा 20 साल का रिकॉर्ड:- चित्रकूट जिले में शुक्रवार रात से शुरू हुई तेज बारिश ने बीते 20 वर्षों का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। मंदाकिनी और बरदहा नदियों का जलस्तर अचानक खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया, जिससे पूरे इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मंदाकिनी नदी ने 126.5 मीटर का खतरे का निशान पार कर लिया है, जिससे कई पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है और सड़क संपर्क पूरी तरह बाधित हो गया है।

लगातार 12 घंटे हुई मूसलधार बारिश के कारण चित्रकूट के मानिकपुर, रानीपुर, चमरौहा, सकरौंहा सहित लगभग 20 किमी के दायरे में हालात बेकाबू हो गए हैं। धवइया नाले के उफान में आने से छह गांवों का संपर्क कट गया है।
श्रद्धालु फंसे, नाव से रेस्क्यू ऑपरेशन
सावन माह के चलते मंदाकिनी किनारे आए 30 से अधिक श्रद्धालु अचानक आई बाढ़ में फंस गए। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नावों की मदद से उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं, बेलहा गांव निवासी एक ग्रामीण राजकिशोर की नाले में बहने से मौत हो गई। उनका शव करीब 100 मीटर दूर बरामद हुआ।
दुकानों और मंदिरों में घुसा पानी
रामघाट क्षेत्र में बनी दुकानों, मंदिरों और घाटों में पानी घुस चुका है। मत्तगजेंद्र नाथ मंदिर और तोतामुखी हनुमान मंदिर जैसे प्रमुख स्थलों में जलभराव के चलते पूजा-अर्चना रोक दी गई है। मंदिरों की सीढ़ियाँ तक जलमग्न हो चुकी हैं।
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आवासीय क्षेत्र में घुसा पानी, लोग छतों पर शरण लिए
पुरानी बाजार, शंकर बाजार, सुंदरघाट और जानकीकुंड जैसे रिहायशी इलाकों में पानी मकानों की छत तक पहुंच गया है। कई परिवारों ने घर छोड़कर छतों पर शरण ली हुई है। पुलिस ने सभी संवेदनशील पुलों पर आवागमन रोक दिया है और सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं।
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प्रशासनिक अमला मौके पर
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मंडलायुक्त अजीत कुमार, डीआईजी राजेश एस., जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जी.एन. और एसपी अरुण कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की।
सार्वजनिक आवागमन के लिए नावें बनीं सहारा
सड़क मार्ग बाधित होने के चलते अब प्रभावित क्षेत्रों में नावों के माध्यम से लोगों की आवाजाही हो रही है। यूपी-मध्यप्रदेश सीमा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क भी पूरी तरह जलमग्न है।