Samsung vs India:- टेक्नोलॉजी की फेमस कंपनी सैमसंग और भारत सरकार के बीच टैक्स को लेकर बड़ा विवाद सामने खड़ा हो गया है ।

सरकार ने सैमसंग कंपनी प आरोप लगाया है कि कंपनी ने टेलीकॉम उपकरणों के आयात में गलत क्लासिफिकेशन दिखाकर ₹4,451 करोड़ के टैरिफ से बचाव किया। इस मामले में अब सैमसंग ने टैक्स ट्रिब्यूनल में अपील की है। आईये जानते है पूरा मामला किया था
क्या है पूरा मामला?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का आरोप है कि सैमसंग म टेलीकॉम इक्विपमेंट्स को जानबूझकर गलत श्रेणी में दर्ज किया, जिससे उसे 10% से 20% तक के सीमा शुल्क से राहत मिली। ये वही उपकरण हैं, जिन्हें सैमसंग ने रिलायंस जियो को सप्लाई किया था और जिनका इस्तेमाल मोबाइल टावरों में किया गया।
सैमसंग की दलील
सैमसंग (Samsung) का कहना है कि 2017 में इस क्लासिफिकेशन को लेकर रिलायंस जियो को एक चेतावनी दी गई थी, लेकिन कंपनी को इस बारे में कभी जानकारी नहीं दी गई। कंपनी का तर्क है कि अगर समय पर सूचित किया जाता, तो वह नियमों के अनुसार बदलाव कर देती। इसके साथ ही, कंपनी ने यह भी कहा कि उसने किसी भी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है और अब वह कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है।
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कस्टम विभाग का गंभीर आरोप
8 जनवरी 2024 को जारी आदेश में कस्टम कमिश्नर सोनल बजाज ने सैमसंग (Samsung) पर फर्जी दस्तावेज देने और भारतीय कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ टैक्स चोरी का नहीं, बल्कि व्यावसायिक नैतिकता की भी अनदेखी है। इसके अलावा सरकार ने कंपनी के सात वरिष्ठ अधिकारियों पर ₹693 करोड़ का जुर्माना भी लगाया है।
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निष्कर्ष:
सैमसंग और सरकार के बीच यह कानूनी लड़ाई आने वाले समय में टैक्स नीतियों और कॉर्पोरेट जवाबदेही को लेकर एक अहम मिसाल बन सकती है। अब देखना होगा कि टैक्स ट्रिब्यूनल इस मुद्दे पर क्या फैसला सुनाता है।