Smriti Mandhana का धमाका: महिला:- कोलंबो — भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार बल्लेबाज़ स्मृति मंधाना ने एक बार फिर अपने बल्ले से ऐसा कमाल कर दिखाया, जिसे शायद ही भुला पाना मुश्किल होगा।

श्रीलंका में चल रही त्रिकोणीय महिला वनडे सीरीज़ के फाइनल मुकाबले में मंधाना ने शानदार 116 रन की पारी खेलकर भारत को मज़बूत स्थिति में पहुंचाया और एक नया कीर्तिमान अपने नाम कर लिया।
फाइनल मैच में मंधाना का आत्मविश्वास देखने लायक था। उन्होंने 101 गेंदों में 116 रन बनाए, जिसमें 15 चौके और 2 छक्के शामिल थे। यह उनका वनडे करियर का 11वां शतक रहा, जो कि महिला वनडे क्रिकेट में अब तक की सबसे बेहतरीन पारियों में गिना जा सकता है।
मंधाना बनीं फाइनल में शतक लगाने वाली दूसरी भारतीय महिला बल्लेबाज़
स्मृति मंधाना अब केवल दूसरी भारतीय महिला क्रिकेटर बन गई हैं, जिन्होंने किसी वनडे फाइनल मुकाबले में शतक जड़ा है। उनसे पहले यह उपलब्धि मिताली राज ने हासिल की थी। खास बात यह रही कि मंधाना ने अपना शतक सिर्फ 92 गेंदों में पूरा किया, जो उनके तेज़ तर्रार अंदाज़ को दर्शाता है।
रिकॉर्ड्स की झड़ी: मंधाना की बल्लेबाज़ी ने तोड़े कई पुराने रिकॉर्ड
इस पारी के साथ ही मंधाना ने महिला वनडे क्रिकेट में कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं:
महिला वनडे में सबसे ज्यादा शतक (Top WODI Centurions):
- मेग लैनिंग (ऑस्ट्रेलिया) – 15 शतक (102 पारी)
- सूजी बेट्स (न्यूजीलैंड) – 13 शतक (164 पारी)
- स्मृति मंधाना (भारत) – 11 शतक* (102 पारी)
यह भी पड़े:- विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेंगे? जानिए क्या है नया खुलासा
भारत के लिए सबसे ज्यादा छक्के (WODIs):
- स्मृति मंधाना – 55 छक्के*
- हरमनप्रीत कौर – 52
- ऋचा घोष – 20
यह भी पड़े:- Rohit Sharma Test Retirement: कपिल देव ने उठाया बड़ा सवाल – अगला गावस्कर या सचिन
क्रिकेट फैंस बोले – ‘यह सिर्फ पारी नहीं, प्रेरणा थी!’
सोशल मीडिया पर मंधाना की इस पारी की जमकर तारीफ हो रही है। क्रिकेट फैंस से लेकर पूर्व खिलाड़ी तक, हर कोई मंधाना की तकनीक, संयम और आक्रामकता का कायल नजर आ रहा है। एक फैन ने लिखा, “ये सिर्फ एक शतक नहीं था, ये आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सीख है कि कैसे दबाव में खुद को साबित किया जाता है।”
निष्कर्ष: स्मृति मंधाना — नाम ही काफी है
‘क्वीन ऑफ क्रिकेट’ का टैग मंधाना के लिए सिर्फ एक उपाधि नहीं, बल्कि उनके संघर्ष, प्रदर्शन और समर्पण की गवाही है। आज का दिन भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा – और इसका श्रेय जाता है उस मुस्कुराते चेहरे को, जिसने बल्ले से तूफान ला दिया।