AC खरीदने से पहले ज़रूर जानें ये 7 जरूरी बातें:– भारत में गर्मी का मौसम अब महज़ तापमान की बात नहीं रह गया है, बल्कि यह सीधे तौर पर जीवनशैली और आराम से जुड़ा हुआ मुद्दा बन चुका है। जैसे-जैसे तापमान 45 डिग्री के पार पहुंचता है, एयर कंडीशनर (AC) अब लग्ज़री नहीं, बल्कि ज़रूरत बन चुका है। लेकिन AC खरीदना जितना आसान लगता है, उतना है नहीं। बाजार में सैकड़ों ब्रांड और मॉडल उपलब्ध हैं, और हर कोई कहता है की वह सबसे बेहतर है

ऐसे में एक सामान्य उपभोक्ता के लिए भ्रमित होना स्वाभाविक है। इसलिए हमने विशेषज्ञों, इंजीनियरों और कुछ वास्तविक उपभोक्ताओं से बात करके ये 7 बेहद जरूरी बातें इकट्ठा की हैं, जो AC खरीदने से पहले हर किसी को ज़रूर जाननी चाहिए।

1. कमरे के आकार के अनुसार टन क्षमता का चयन करें

AC की क्षमता यानी कि “टन” चुनते समय सबसे पहले अपने कमरे के आकार को ध्यान में रखना चाहिए। यह एक आम गलतफहमी है कि बड़ा टन वाला AC बेहतर होता है। वास्तविकता यह है कि अगर छोटे कमरे में ज्यादा टन का AC लगाया जाए, तो वह जल्दी ठंडा तो कर देगा लेकिन बिजली की खपत अनावश्यक रूप से बढ़ा देगा।

यदि आपका कमरा 100 से 140 वर्ग फुट के बीच है, तो 1 टन का AC पर्याप्त रहेगा। वहीं, 150 से 200 वर्ग फुट के लिए 1.5 टन, और उससे बड़े कमरे के लिए 2 टन का AC उचित रहेगा। कमरे की ऊंचाई, खिड़कियों की संख्या और धूप की दिशा को भी ध्यान में रखना जरूरी है।

2. इन्वर्टर AC या नॉन-इन्वर्टर – कौन है बेहतर विकल्प

इन्वर्टर तकनीक वाले AC अब मुख्यधारा में आ चुके हैं। ये AC कमरे की ठंडक को बनाए रखने के लिए अपनी गति को स्वयं नियंत्रित करते हैं, जिससे बिजली की खपत काफी कम होती है। वहीं नॉन-इन्वर्टर AC बार-बार चालू और बंद होते हैं, जिससे बिजली की खपत बढ़ती है और कंप्रेसर पर दबाव पड़ता है।

हालांकि इन्वर्टर AC की शुरुआती लागत थोड़ी ज्यादा होती है, लेकिन लंबे समय में यह अधिक फायदेमंद साबित होता है। जिन उपभोक्ताओं ने पहले नॉन-इन्वर्टर AC इस्तेमाल किया और बाद में इन्वर्टर पर स्विच किया, उनका अनुभव स्पष्ट रूप से यही कहता है कि बिजली के बिल में औसतन 20 से 30 प्रतिशत की कमी आती है।

3. स्टार रेटिंग से तय होती है बिजली की खपत

BEE (Bureau of Energy Efficiency) द्वारा दी गई स्टार रेटिंग से आप यह समझ सकते हैं कि AC कितनी ऊर्जा बचाता है। 5 स्टार रेटेड AC सबसे अधिक ऊर्जा दक्ष होते हैं, लेकिन इनकी कीमत भी उसी अनुपात में अधिक होती है। यदि आप AC का इस्तेमाल रोज़ाना लंबे समय तक करते हैं, तो 5 स्टार AC खरीदना दीर्घकालीन बचत के लिहाज़ से सही निर्णय होगा।

वहीं, यदि उपयोग सीमित है, तो 3 स्टार AC भी एक संतुलित विकल्प हो सकता है। लेकिन 1 या 2 स्टार रेटेड AC सस्ते ज़रूर होते हैं, पर उनके बिजली बिल को देखते हुए वह फायदे का सौदा नहीं होते।

4. कॉपर कॉइल बनाम एल्यूमिनियम कॉइल – कौन सा टिकाऊ है

AC में इस्तेमाल होने वाली कॉइल दो प्रकार की होती हैं – कॉपर और एल्यूमिनियम। कॉपर कॉइल की थर्मल कंडक्टिविटी अधिक होती है, जिससे यह जल्दी कूलिंग करता है और टिकाऊ भी रहता है। साथ ही, इसे रिपेयर करना आसान होता है।

दूसरी ओर, एल्यूमिनियम कॉइल सस्ता विकल्प है लेकिन यह जल्दी खराब होता है और इसकी मरम्मत कठिन होती है। विशेषज्ञों की राय में, यदि आप गुणवत्ता और लंबी उम्र चाहते हैं, तो कॉपर कॉइल वाला AC ही लें।

5. ब्रांड की लोकप्रियता से ज्यादा जरूरी है सर्विस नेटवर्क

कई बार लोग केवल ब्रांड नेम देखकर AC खरीद लेते हैं, जबकि यह जरूरी नहीं कि हर बड़े ब्रांड की सर्विस हर शहर या कस्बे में मौजूद हो। AC की इंस्टॉलेशन, सर्विसिंग और वारंटी क्लेम के लिए एक अच्छा लोकल सर्विस नेटवर्क होना बेहद आवश्यक है।

AC खराब होने पर यदि इंजीनियर को आने में 5 दिन लग जाएं, तो पूरा अनुभव खराब हो सकता है। इसलिए खरीदने से पहले अपने शहर में उस ब्रांड की सर्विस टीम की उपलब्धता ज़रूर जांचें।

6. इंस्टॉलेशन और एक्सटेंडेड वारंटी को न करें नजरअंदाज़

AC की कीमत में इंस्टॉलेशन शामिल है या नहीं, यह अक्सर लोग नजरअंदाज़ कर देते हैं। जबकि खराब इंस्टॉलेशन से न सिर्फ कूलिंग पर असर पड़ता है, बल्कि बाद में लीकेज जैसी समस्याएं भी आती हैं। बेहतर होगा कि कंपनी अथवा अधिकृत टेक्नीशियन से ही इंस्टॉलेशन कराएं।

साथ ही, एक्सटेंडेड वारंटी यानी अतिरिक्त सुरक्षा प्लान लेना भी एक समझदारी भरा निर्णय हो सकता है। इससे यदि कंप्रेसर या अन्य मुख्य पार्ट्स में कोई खराबी आए, तो रिपेयर या रिप्लेसमेंट का खर्च बच जाता है।

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7. स्मार्ट तरीके से चलाएं AC, तभी होगा फायदा

AC को सही तरीके से चलाना भी उतना ही जरूरी है जितना कि सही AC खरीदना। अक्सर लोग 18-20 डिग्री पर AC चला देते हैं, जो कि बिजली की खपत बढ़ा देता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि यदि आप 24 से 26 डिग्री के बीच टेम्परेचर सेट करें, तो वह शरीर के लिए भी अनुकूल रहता है और बिजली की बचत भी होती है।

साथ ही, हर 15 दिन में AC के फिल्टर की सफाई करें, कमरे को पूरी तरह बंद रखें और जरूरत पड़ने पर टाइमर का इस्तेमाल करें। इससे न सिर्फ बिजली बचेगी, बल्कि AC की उम्र भी बढ़ेगी।


निष्कर्ष

AC खरीदना एक बार का निवेश नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक निर्णय है। सही जानकारी, सतर्कता और थोड़ी समझदारी के साथ किया गया चुनाव न सिर्फ गर्मी से राहत देगा, बल्कि आपके बजट को भी संतुलित रखेगा। इस गाइड में बताई गई बातों को ध्यान में रखते हुए यदि आप खरीदारी करेंगे, तो न आपको पछताना पड़ेगा और न ही गर्मी में परेशान होना पड़ेगा।

गर्मी हर साल आती है, लेकिन समझदारी से किया गया फैसला सालों तक सुकून देता है।