अमरनाथ यात्रा 2025:- अमरनाथ यात्रा इस साल 3 जुलाई से शुरू हो रही है। धार्मिक आस्था और साहस का यह 38 दिवसीय सफर, पहलगाम और बालटाल जैसे दो प्रमुख रूटों से होकर गुजरता है। लेकिन जहां एक ओर श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन की कामना लेकर निकले हैं, वहीं दूसरी ओर आतंकी खतरे के मद्देनजर इसे एक अत्यंत संवेदनशील यात्रा माना जा रहा है।

50 से अधिक आतंकियों का इनपुट, हर कदम पर चौकसी
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में करीब 50 पाकिस्तानी आतंकवादी छिपे हो सकते हैं, और दो दर्जन से अधिक स्थानीय आतंकी तत्व भी सक्रिय हैं। यह जानकारी मिलते ही सुरक्षा एजेंसियों ने यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को युद्धस्तर पर तैयार किया है। सेना, अर्धसैनिक बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर इस यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
अमेरिकी सेना जैसी सुरक्षा रणनीति
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जो योजना बनाई गई है, वह काफी हद तक अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो सेनाओं के काफिलों की सुरक्षा व्यवस्था से मेल खाती है। जैसे ही यात्रा काफिले सड़क पर निकलते हैं, वैसे ही रूट के अन्य रास्तों को बंद कर दिया जाता है। स्थानीय ट्रैफिक को तभी अनुमति मिलती है जब काफिला आगे बढ़ चुका होता है। इस बार कई स्थानों पर मुख्य सड़क के अपोजिट ट्रैफिक को भी प्रतिबंधित किया जा सकता है।
80,000 जवानों की तैनाती, हर मोर्चे पर सतर्कता
सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए करीब 80,000 जवानों को तैनात किया गया है। इनमें सीआरपीएफ की 220 कंपनियां, बीएसएफ की 143, एसएसबी की 97, आईटीबीपी की 62 और सीआईएसएफ की 60 कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा सेना की राष्ट्रीय राइफल्स (RR) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष दस्ते भी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
ड्रोन, मिसाइल, और फिदायीन हमलों से निपटने की रणनीति
इस बार यात्रा पर ड्रोन से बम गिराने या छोटे मिसाइल (हैंड ग्रेनेड) से हमला करने की संभावनाएं जताई गई हैं। इसे ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्ग पर अत्याधुनिक उपकरणों, दूरबीनों, हैंडहेल्ड कैमरों और बुलेटप्रूफ स्नाइपर्स की तैनाती की गई है। रोड ओपनिंग पार्टी, डॉग स्क्वॉड और बम डिटेक्शन टीमें हर कुछ सौ मीटर पर तैनात हैं।

तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा, ट्रैफिक स्कैनर और खोजी कुत्तों की मदद
यात्रा मार्ग पर त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है। वाहनों को उन्नत स्कैनर से होकर गुजारा जाता है ताकि किसी भी संदिग्ध वस्तु को तुरंत पहचाना जा सके। साथ ही आईईडी और चिपकने वाले बमों का पता लगाने के लिए विशेष टीमें और खोजी कुत्ते लगातार सतर्कता बरत रहे हैं।
आईबी और सभी सुरक्षा एजेंसियों का समन्वय
इंटेलिजेंस ब्यूरो का मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC), जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य केंद्रीय बलों के साथ लगातार संपर्क में है। ओवर ग्राउंड वर्कर नेटवर्क Amarnath Yatra 2025 latest update
की पहचान और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। ये लोग आतंकियों को जरूरी सूचनाएं और लॉजिस्टिक सहायता मुहैया कराते हैं।
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गृह मंत्री के निर्देश, श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अमरनाथ यात्रा पर किसी भी हाल में आतंकी साया न पड़े। चाहे वह रूट की सुरक्षा हो, शिविर स्थल, वाहन, टनल या लैंडस्लाइड जैसी प्राकृतिक बाधाएं – हर पहलू पर सख्त निगरानी और व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।
आस्था और सुरक्षा का संगम
यह अमरनाथ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के विश्वास और देश की सुरक्षा व्यवस्था की परीक्षा भी है। हर एक यात्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हजारों सुरक्षाकर्मी दिन-रात मुस्तैद हैं। जब श्रद्धालु भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए बर्फानी बाबा की ओर बढ़ते हैं, तब उनकी हर सांस की रक्षा करने वाले जवान, चुपचाप अपना कर्तव्य निभा रहे होते हैं।