एलन मस्क बनाम ट्रंप:- अमेरिका की सियासत में हलचल तेज हो गई है। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने संकेत दिए हैं कि वे खुद की राजनीतिक पार्टी “अमेरिकन पार्टी” का गठन कर सकते हैं। यह कदम ऐसे वक्त पर सामने आया है जब उनका अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मतभेद खुलकर सामने आ गया है।

दरअसल, ट्रंप द्वारा पेश किया गया “बिग ब्यूटीफुल बिल” अमेरिकी राजनीति और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए बड़ा मोड़ बनता दिख रहा है। मस्क ने इस बिल का सख्त विरोध करते हुए कहा है कि यदि इसे कानून बनाया गया, तो वे तुरंत एक नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करेंगे।

क्या है विवाद की जड़?

एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप कभी अच्छे राजनीतिक सहयोगी माने जाते थे। मस्क ने ट्रंप के 2020 चुनाव अभियान में भारी आर्थिक सहयोग भी दिया था। लेकिन ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ को लेकर दोनों के रिश्तों में तल्खी आ गई।

मस्क का तर्क है कि यह विधेयक अमेरिका में हेल्थकेयर और ग्रीन एनर्जी से जुड़ी कई कल्याणकारी नीतियों को नुकसान पहुंचाएगा। उनके अनुसार, यह कानून लागू हुआ तो अमेरिका पर कर्ज का बोझ और बढ़ेगा — जो 2030 तक 40 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।

मस्क खासतौर से इस बात से नाराज हैं कि ट्रंप की नीतियां उन स्वच्छ ऊर्जा योजनाओं को भी खत्म कर सकती हैं जिनका फायदा उनकी कंपनी टेस्ला को मिलता रहा है।

तीसरी पार्टी की राह पर मस्क कितने गंभीर हैं?

मस्क ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोल कर सार्वजनिक राय मांगी थी कि क्या अमेरिका को दो पार्टी सिस्टम से बाहर निकलने की जरूरत है। चौंकाने वाली बात यह रही कि 80% लोगों ने नई पार्टी के विचार को समर्थन दिया।

इसके बाद मस्क ने ट्रंप समर्थक रिपब्लिकन नेताओं के खिलाफ चुनावों में नए चेहरों को समर्थन देने की घोषणा कर दी। केंटकी के सांसद थॉमस मैसी, जो इस बिल के आलोचक हैं, को मस्क ने खुलकर समर्थन भी दिया है।

क्या अमेरिका तीसरी पार्टी को स्वीकार करेगा?

अमेरिकी राजनीति पर दशकों से डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टियों का कब्ज़ा रहा है। लेकिन तकनीकी रूप से अमेरिका टू-पार्टी सिस्टम वाला देश नहीं है।

बैलटपीडिया के अनुसार, जनवरी 2025 तक अमेरिका में 50 से अधिक राजनीतिक दल ऐसे हैं जो कई राज्यों में सक्रिय हैं। इनमें कुछ राष्ट्रीय स्तर की पार्टियां भी शामिल हैं जैसे कि लिबरटेरियन पार्टी, ग्रीन पार्टी, और कॉन्स्टीट्यूशन पार्टी

1992 में अरबपति रॉस पेरोट ने रिफॉर्म पार्टी के बैनर तले राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा और 19% वोट हासिल किए। यह किसी तीसरी पार्टी के उम्मीदवार को अब तक मिले सबसे ज्यादा वोट थे। 2000 में राल्फ नेडर के चुनाव लड़ने से डेमोक्रेट अल गोर की हार हुई थी — तब उन्हें “वोटकटवा” कहा गया।

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तीसरी पार्टी के सामने क्या हैं सबसे बड़ी चुनौतियां?

  1. नामांकन की जटिल प्रक्रिया:
    अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए लाखों हस्ताक्षर जुटाने पड़ते हैं। स्थापित पार्टियों के लिए यह आसान है, लेकिन किसी नई पार्टी के लिए यह बेहद कठिन है।
  2. सरकारी फंडिंग की बाधा:
    नई पार्टी को चुनावी फंडिंग तभी मिलती है जब वह पिछली बार कुछ न्यूनतम वोट हासिल कर चुकी हो। मस्क जैसे अरबपति के पास संसाधन भले हों, लेकिन संगठनात्मक ढांचा अभी उनके पास नहीं है।
  3. स्थापित पार्टियों की पकड़:
    डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टियों की जड़ें अमेरिकी समाज में गहराई से फैली हैं — मीडिया, कॉरपोरेट्स, और लॉबिंग नेटवर्क तक।

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क्या बदल सकता है एलन मस्क का प्रभाव?

एलन मस्क का व्यक्तित्व साधारण नहीं है। वे महज एक उद्योगपति नहीं, बल्कि एक ट्रेंडसेटर हैं — स्पेसएक्स, टेस्ला, न्यूरालिंक जैसी कंपनियों के जरिए उन्होंने भविष्य को आकार दिया है।

अब जब वे राजनीति में गंभीर हस्तक्षेप का मन बना रहे हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे उस अमेरिकी जनमानस को जगा पाएंगे जो मौजूदा सिस्टम से ऊब चुका है।

निष्कर्ष

अमेरिका में तीसरी पार्टी बनाना आसान नहीं है — लेकिन नामुमकिन भी नहीं। एलन मस्क की लोकप्रियता, पूंजी और तकनीकी दृष्टि इस मिशन को नई दिशा दे सकती हैं।

यदि वे नागरिकों से जुड़े मुद्दों को ईमानदारी से उठाते हैं और उन्हें संगठित कर पाते हैं, तो अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया अध्याय शुरू हो सकता है।