छांगुर गैंग की 500 करोड़ की फंडिंग का पर्दाफाश:- धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोपों में पकड़े गए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर जांच एजेंसियों के हाथ बड़े सुराग लगे हैं। ताजा जांच में खुलासा हुआ है कि बीते तीन वर्षों में छांगुर के नेटवर्क को करीब 500 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग मिली है, जिसमें से 200 करोड़ रुपये के स्रोतों की अब तक पुष्टि हो चुकी है।

नेपाल के रास्ते आया पैसा, 100 बैंक खातों के जरिए ट्रांजैक्शन

*छांगुर के नेटवर्क ने नेपाल को अपने मनी रूट के तौर पर इस्तेमाल किया। काठमांडू, नवलपरासी, रुपनदेही और बांके जैसे जिलों में 100 से अधिक बैंक खाते खोले गए, जिनमें पाकिस्तान, सऊदी अरब, तुर्की और दुबई से पैसे ट्रांसफर किए गए। नेपाल से एजेंट इन फंड्स को निकालकर भारत पहुंचाते थे, जहां कैश डिपॉजिट मशीन और मनी एक्सचेंजर के जरिए ये रकम छांगुर के पास पहुंचती थी।

छांगुर का गढ़: अयोध्या बना सबसे बड़ा टारगेट

एजेंसियों की रिपोर्ट बताती है कि इस नेटवर्क द्वारा सबसे ज्यादा रकम अयोध्या जिले में खर्च की गई। जांच में यह भी सामने आया कि इस फंडिंग से लव जिहाद, अवैध धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया। बिहार में पकड़े गए एक एजेंट ने पहले ही अयोध्या में इस नेटवर्क की सक्रियता की जानकारी दी थी, लेकिन समय रहते कार्रवाई नहीं हो सकी।

संदिग्ध बैंक खातों से करोड़ों की ट्रांजैक्शन

  • जलालुद्दीन उर्फ छांगुर (नवीन रोहरा) के नाम से चल रहे 6 बैंक खातों में 34.22 करोड़ रुपये जमा मिले हैं।
  • उसकी करीबी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के 8 खातों में सिर्फ चार महीनों में 13.90 करोड़ रुपये की रकम आई।
  • यूपी में अब तक छांगुर से जुड़े 6 स्थानीय बैंक खाते मिले हैं, जिनमें से एक एसबीआई खाते में विदेश से ₹6 लाख की सीधी एंट्री दर्ज की गई है।
  • सऊदी अरब, शारजाह, यूएई और दुबई स्थित बैंक खातों की जानकारी अभी तक जांच एजेंसियों को नहीं मिल पाई है।

विदेशी नेटवर्क का गहरा जाल

छांगुर का नेटवर्क सिर्फ भारत और नेपाल तक सीमित नहीं रहा। रायबरेली में पकड़े गए साइबर अपराधियों की जांच में भी पाकिस्तान और दुबई से लिंक मिले हैं। यह गिरोह लगभग 700 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन में शामिल रहा है। इन अपराधियों ने लखनऊ, बलरामपुर, गोंडा और अयोध्या में भी भारी धनराशि ट्रांसफर की।

15 वर्षों से चल रहा था धर्मांतरण रैकेट

एटीएस की पूछताछ में यह भी सामने आया है कि छांगुर पिछले 15 वर्षों से गैरकानूनी धर्मांतरण की गतिविधियों में शामिल रहा है। फिलहाल छांगुर और नसरीन को लखनऊ जेल से रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में गिरोह के अन्य सदस्यों, उनकी प्रॉपर्टी और विदेश से हो रही फंडिंग के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है।

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ईडी की एंट्री, टैक्स रिकॉर्ड खंगालने की तैयारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छांगुर और उसके करीबियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। 40 बैंक खातों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है और आयकर विभाग से पिछले 10 वर्षों के टैक्स रिटर्न की जानकारी मांगी गई है। पुणे निवासी एक व्यक्ति की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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पांच करोड़ की कोठी ढहाई गई

बलरामपुर में छांगुर द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई पांच करोड़ रुपये की आलीशान कोठी को प्रशासन ने तीन दिनों में बुलडोजर से गिरा दिया। 40 कमरों की यह कोठी वर्ष 2022 में नसरीन के नाम पर बनाई गई थी। इसका मुख्य द्वार संगमरमर से बना था और सुरक्षा के लिहाज से खासतौर पर डिजाइन किया गया था।

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