भारत-UK FTA तय:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन दौरे के दौरान भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement – FTA) पर हस्ताक्षर करने जा रहे है । इस समझौते से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। कई प्रमुख वस्तुओं और सेवाओं पर आयात शुल्क में कटौती के चलते यह करार दोनों देशों के व्यापारिक हितों के लिए फायदेमंद साबित होगा। आईये जानते है भारत को किन किन चीजो पैर टैरिफ से राहत मिलेगी

क्या है यह FTA?
मुक्त व्यापार समझौता दो देशों के बीच एक ऐसा समझौता होता है जिसमें एक-दूसरे से आयात-निर्यात होने वाले उत्पादों और सेवाओं पर लगने वाले कर (टैरिफ) को हटाया या कम किया जाता है। भारत-UK FTA से दोनों देशों के उद्योगों और उपभोक्ताओं को व्यापक लाभ की उम्मीद की जा रही है।
भारत को होने वाले लाभ
1. 99% भारतीय निर्यात पर शून्य टैरिफ
ब्रिटेन ने भारत से होने वाले लगभग 99 प्रतिशत उत्पादों और सेवाओं पर आयात शुल्क समाप्त करने पर सहमति जताई है। इससे वस्त्र, चमड़ा, मशीनरी, रत्न-जवाहरात, ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों को सबसे अधिक लाभ होगा।
2. सेवा क्षेत्र को विस्तार
भारत के आईटी, वित्त, शिक्षा और हेल्थ जैसे सेवा क्षेत्रों को ब्रिटेन में नई संभावनाएं मिलेंगी। भारतीय पेशेवरों और कंपनियों को ब्रिटिश बाज़ार में पहले से अधिक सहजता से प्रवेश मिलेगा।
3. श्रम-आधारित क्षेत्रों को अवसर
योग प्रशिक्षकों, शेफ, तकनीकी सलाहकारों और अन्य स्वतंत्र पेशेवरों को वीज़ा और कार्य के अधिक अवसर मिलेंगे। इससे भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों को नया जीवन मिलेगा।
4. सामाजिक सुरक्षा योगदान में छूट
ब्रिटेन में कार्यरत भारतीय कर्मियों को तीन वर्षों तक सामाजिक सुरक्षा योगदान से छूट मिलेगी। इससे भारतीय कंपनियों को प्रति वर्ष अनुमानित 40,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
ब्रिटेन को होने वाले लाभ
1. स्कॉच व्हिस्की और कारें होंगी सस्ती
FTA लागू होते ही ब्रिटिश स्कॉच व्हिस्की पर भारत में आयात शुल्क 150 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत किया जाएगा, और आगामी 10 वर्षों में यह 40 प्रतिशत तक लाया जाएगा। इसी तरह ब्रिटिश कारों पर वर्तमान में 100 प्रतिशत से अधिक टैक्स लगता है, जिसे घटाकर 10 प्रतिशत किया जाएगा।
2. अन्य वस्तुओं पर भी राहत
ब्रिटेन से आयात होने वाले चिकित्सा उपकरण, फार्मा उत्पाद, कॉस्मेटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और विमान कलपुर्जों पर टैरिफ में कटौती होगी। साथ ही, सैल्मन मछली, भेड़ का मांस, बिस्किट और चॉकलेट जैसे खाद्य पदार्थों पर भी शुल्क में कमी की जाएगी।
3. निवेश के नए अवसर
ब्रिटेन को भारत के गैर-संवेदनशील क्षेत्रों में निवेश का अवसर मिलेगा। इसके तहत ब्रिटिश कंपनियां भारत के केंद्र और राज्य स्तरीय सरकारी टेंडरों में भाग ले सकेंगी।
4. सेवाओं तक आसान पहुंच
ब्रिटेन की बैंकिंग, बीमा, कानूनी और पेशेवर सेवाओं को भारत में बेहतर पहुंच मिलेगी। इससे ब्रिटिश कंपनियां भारत के बढ़ते उपभोक्ता आधार का लाभ उठा सकेंगी।
संवेदनशील क्षेत्रों को मिली सुरक्षा
भारत ने अपने कृषि क्षेत्र को इस समझौते से बाहर रखा है। इसमें डेयरी उत्पाद, सेब, चीज़, ओट्स और खाद्य तेल शामिल हैं। इसके अलावा, प्लास्टिक, हीरे, चांदी, स्मार्टफोन, टेलीविजन कैमरा ट्यूब्स और ऑप्टिकल फाइबर को भी FTA के दायरे से बाहर रखा गया है।
कुछ अन्य सेक्टर जैसे पेट्रोलियम उत्पाद, सिरेमिक्स, केमिकल्स और एयरक्राफ्ट इंजनों पर टैरिफ में कटौती को लंबे समय के लिए टाल दिया गया है ताकि घरेलू उद्योगों को सुरक्षा मिल सके।
यह भी पड़े:– जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: राष्ट्रपति से बिना अपॉइंटमेंट मिलने पहुंचे, आधे घंटे तक करना पड़ा इंतजार
द्विपक्षीय व्यापार का भविष्य
वर्ष 2024 में भारत-UK के बीच कुल व्यापार 42.6 अरब पाउंड (करीब 4.9 लाख करोड़ रुपये) था। इस समझौते के बाद 2030 तक यह व्यापार 120 अरब पाउंड तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। अनुमान है कि ब्रिटेन को इससे हर वर्ष 4.8 अरब पाउंड और भारत को 10 से 12 अरब डॉलर का अतिरिक्त निर्यात लाभ मिलेगा।
भारत-UK मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच न केवल आर्थिक रिश्तों को मजबूती देगा, बल्कि रणनीतिक और भू-राजनीतिक सहयोग के द्वार भी खोलेगा। जहां भारत को नए निर्यात अवसर मिलेंगे, वहीं ब्रिटेन को भारत के विशाल उपभोक्ता बाजार तक बेहतर पहुंच मिलेगी।