हिमाचल में आफत की बारिश:- हिमाचल प्रदेश में मानसून फिर कहर बनकर बरस रहा है आपको बतादे कुल्लू जिले के निरमंड खंड की कुशवा पंचायत के नोनू गांव में रविवार देर रात करीब 3 बजे भूस्खलन से तीन मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। प्रभावित मकानों में चरणदास, सुरजीत और राजीव कुमार अपने परिवारों संग रह रहे थे। गनीमत रही कि हादसे में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। हालांकि राजीव कुमार के 3,540 सेब के पेड़ भी इस भूस्खलन की चपेट में आकर बर्बाद हो गए। राजस्व विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया है।

भारी बारिश से 310 सड़कें बाधित, बिजली-पानी आपूर्ति पर भी असर
आपको बतादे राज्य में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सोमवार सुबह तक एक नेशनल हाईवे समेत कुल 310 सड़कों पर यातायात ठप रहा। 113 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 236 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। अकेले मंडी जिले में 171 सड़कें बंद हैं, जबकि चंबा में 88 और कांगड़ा में 60 जल योजनाएं ठप हो गई हैं।
मनाली में स्कूल-कॉलेज बंद, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
मनाली उपमंडल में भारी बारिश के चलते सभी शिक्षण संस्थानों में सोमवार को अवकाश घोषित कर दिया गया। मौसम विभाग ने 4 और 5 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि 6 से 8 अगस्त के बीच येलो अलर्ट रहेगा।
9 मील क्षेत्र में खतरे की रात, हाईवे पर बहा मलबा
पड़ोह क्षेत्र के लोअर 9 मील में रविवार रात तेज बारिश के कारण जागर नाले में उफान आ गया। नाले से बहकर आए पत्थरों और मलबे ने चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे को पूरी तरह बंद कर दिया। इससे हाईवे के नीचे बना कलवर्ट भी जाम हो गया और पानी का बहाव गांव की ओर मुड़ गया। 13 परिवारों ने पूरी रात भय के साए में बिताई। बाद में रात 11 बजे अस्थायी रूप से मार्ग बहाल किया गया।
भरमौर-पठानकोट हाईवे भी बंद, लोगों को भारी दिक्कतें
चंबा जिले में भरमौर-पठानकोट हाईवे पर परिहार के पास पहाड़ी दरकने से यातायात बंद हो गया। वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और कई बसें फंस गईं। हाईवे प्रबंधन की टीमें मौके पर राहत कार्य में जुटी हैं।
चंडीगढ़-मनाली एनएच फिर बंद, एंबुलेंस फंसी
सोमवार तड़के मंडी-पंडोह के 9 मील क्षेत्र में फिर से भूस्खलन हुआ, जिससे हाईवे करीब ढाई घंटे बंद रहा। एक बार फिर सुबह 9 बजे के आसपास मार्ग बाधित हुआ, जिसमें एक एंबुलेंस फंस गई। हालांकि, यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
मानसून का प्रकोप: अब तक 184 मौतें, 1,945 मकान क्षतिग्रस्त
20 जून से 3 अगस्त तक राज्य में मानसून जनित घटनाओं में 184 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 81 मौतें सड़क हादसों में हुई हैं, जबकि 1,945 मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। 1,483 गोशालाएं ढह गई हैं और 1,536 मवेशियों की मौत हुई है। अब तक राज्य को कुल 1,714.95 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
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आने वाले दिन भारी: मौसम विभाग की चेतावनी
शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक 4 से 8 अगस्त के बीच प्रदेश के अधिकांश भागों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। 4 अगस्त को सबसे अधिक वर्षा का अनुमान है। इस दौरान अधिकतम तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा।
नोट: प्रशासन और स्थानीय निकायों ने संवेदनशील क्षेत्रों में रह रहे लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।