फ्रांस में ‘Block Everything:- नेपाल में विरोध प्रदर्शनों के बाद अब फ्रांस की राजधानी पेरिस और अन्य शहर भी हिंसा की आग में घिर गए हैं। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की नीतियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़कों पर उतर आया है। प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह आगजनी की, पुलिस पर पथराव किया और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। हालात काबू में रखने के लिए हजारों सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

कैसे शुरू हुआ ‘Block Everything’ आंदोलन?

फ्रांस में विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत सोशल मीडिया पर दिए गए आह्वान से हुई। ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ यानी ‘सब कुछ रोक दो’ के नाम से शुरू इस अभियान ने देखते ही देखते देशभर में माहौल गरमा दिया। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम कर दिया, वाहनों में आग लगा दी और रेलवे लाइनों को नुकसान पहुंचाया। गृह मंत्रालय के अनुसार अब तक 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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पेरिस में तनाव, देशभर में तैनात सुरक्षा बल

गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो ने प्रदर्शनकारियों पर देश में विद्रोह का माहौल बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि अशांति को काबू करने के लिए करीब 80,000 सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, जिनमें से 6,000 केवल पेरिस में तैनात हैं।

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क्यों गुस्से में हैं लोग?

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मैक्रों सरकार आम लोगों के जीवनस्तर को सुधारने में विफल रही है। महंगाई, वित्तीय प्रबंधन और रोजगार की स्थिति को लेकर भी जनता में असंतोष है। राष्ट्रपति द्वारा हाल ही में अपने करीबी सहयोगी सेबेस्टियन लेकोर्नु को प्रधानमंत्री नियुक्त करने के बाद विरोध और तेज हो गया।

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बार-बार उठी इस्तीफे की मांग

यह पहली बार नहीं है जब राष्ट्रपति मैक्रों के इस्तीफे की मांग हो रही है। साल 2023 में 17 वर्षीय युवक नाहेल मेरजौक की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद भी देशभर में दंगे भड़के थे। इसके अलावा, पेंशन सुधार और किसानों की हड़ताल जैसे मुद्दों पर भी विरोध प्रदर्शनों ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

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मैक्रों ने इस्तीफे की अटकलों को किया खारिज

लगातार बढ़ते दबाव के बावजूद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने साफ किया है कि वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विरोधी दल सत्ता के लालच में गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपना रहे हैं।