बारिश और भूस्खलन से कहर: भारत के जिस राज्य को देव भूमि कहा जाता है अब इन दिनों उसी राज्य में लगातार बारिश और भूस्खलन की मार देखने को मिल रही है। खूबसूरत झरनों और वादियों के बीच अब मलबे के ढेर, टूटी सड़कें और तबाही के मंजर दिखाई दे रहे हैं। लोग अपने अपने घरों में कैद हैं, किसान बर्बाद फसलों को लेकर आंसू बहा रहे हैं और यात्रियों कई यात्रियों की गाड़ियां घंटों तक हाईवे पर फंसी पड़ी हैं।

बारिश और भूस्खलन से कहर

बिलासपुर में बादल फटने की घटना कब घटित हुई

शनिवार की सुबह हिमाचल प्रदेश बिलासपुर जिले के नम्होल उप तहसील के गुतराहन गांव में बादल फटने से भारी तबाही मंजर देखने को मिला । आपको बता दें अचानक मलबे और पानी का तेज़ बहाव आया और कई गाड़ियां उसकी चपेट में आ गईं जिसके कारण लोगों को बहुत नुकसान हुआ। दो गाड़ियां पूरी तरह से मलबे में दब गईं जबकि पांच गाड़ियों को अधिक नुकसान पहुंचा। राहत की बात यह रही कि समय रहते सभी वाहनों को मलबे से बाहर निकाल लिया गया। गांव के किसान कश्मीर सिंह की ज़मीन औरफसलें पूरी तरह ख़राब हो गई। हालांकि यह बड़ा हादसा टल गया क्योंकि पानी का बहाव बस्ती की ओर न जाकर सीधा सड़क की तरफ चला गया।

नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा

घुमारवीं क्षेत्र में सीर खड्ड नदी का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है और अब तक के मानसून सीजन का सबसे ऊंचा स्तर दर्ज किया गया है। आस-पास के लोग नदी-नालों के किनारे जाने से बच रहे हैं और सुरक्षित ठिकानों पर ठेर रहें हैं।

पूरे प्रदेश में गंभीर हालात

अभी भी हिमाचल प्रदेश में हालात लगातार गंभीर बनें हुए हैं। शनिवार सुबह दस बजे तक भूस्खलन और बादल फटने के कारण तीन नेशनल हाईवे समेत कुल 577 सड़कें बंद हो चुकी थीं। इसी कारण बिजली और पानी की सप्लाई भी बुरी तरह प्रभावित है। 389 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पढ़ें हैं और 333 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हो गई हैं।

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जिला स्तर पर देखें तो कुल्लू में 174, मंडी में 166, शिमला में 48, कांगड़ा में 45, चंबा में 44 और सिरमौर में 28 सड़कें बंद हैं। भरमौर-पठानकोट हाईवे पर भारी बारिश और भूस्खलन से ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया है। यात्री पूरी रात सड़क खुलने का इंतजार करते रहे।

मौसम विभाग ने जारी क्या एलर्ट

शिमला मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि हिमाचल के कई हिस्सों में 19 सितंबर तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। 13 और 14 सितंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। शनिवार सुबह से ही हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम बारिश हो रही है। बीती रात पालमपुर में 86 मिमी, मुरारी देवी में 69 मिमी, कांगड़ा में 58 मिमी और जोगिंद्रनगर में 45 मिमी बारिश दर्ज की गई।

भारी नुकसान के आंकड़े

इस मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश को अब तक 4,465 करोड़ रुपये की संपत्ति का भारी नुकसान हो चुका है। 20 जून से 12 सितंबर तक 386 लोगों की मौत भी हो चुकी है, वहीँ 451 लोग अबी तक घायल हुए और 41 लोग अब भी लापता हैं। सिर्फ सड़क हादसों के चलते ही 168 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
मकानों के नुकसान के आंकड़े भी चौंकाने वाले सामने आयें हैं। 538 पक्के मकान और 834 कच्चे मकान पूरी तरह से ढह गए हैं, जबकि 1878 पक्के और 4005 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान पहुँचा है।

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पेयजल योजना हुई ध्वस्त

दरअसल आपको बता दें चंबा जिले की लाहडू पंचायत के नड्डल गांव में भारी भूस्खलन हुआ। यहां पर सभी बिजली ट्रांसफार्मर, पोल और लाइनों समेत पूरी उठाऊ पेयजल योजना ध्वस्त हो गई। आने वाले दिनों में यहां के गांवों में पानी और बिजली की गंभीर किल्लत हो सकती है।

जनजीवन पर गहरा असर पड़ा

लगातार बारिश से गांव-गांव में कोई न कोई मुश्किलें बढ़ ही रही हैं। किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं, सड़कें बंद होने से लोग अपने काम, अस्पतालों तक ही नहीं पहुंच पा रहे और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। प्रभावित स्थानीय लोग प्रशासन से राहत कार्य को और भी तेज़ करने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते मलबा नहीं हटाया गया और सड़कें बहाल नहीं हुईं तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

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प्रशासन के लिए सामने खड़ी हुई चुनौती

आपको बता दें हिमाचाल प्रदेश का प्रशासन पूरी तरह से राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन लगातार बारिश और भूस्खलन ने हालात को बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया है। वहीं मौसम विभाग ने भी अलर्ट जारी करके कह दिया है की बारिश अभी और जारी रहेगी, जिसका मतलब है कि आने वाले दिनों में तबाही और बढ़ सकती है।


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