निमिषा प्रिया को यमन में फांसी से बचाने की अपील:- केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में फांसी से बचाने के लिए भारत में राजनीतिक स्तर पर प्रयास तेज हो गए हैं। कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। वेणुगोपाल ने इस फांसी को अन्यायपूर्ण करार देते हुए इसे “न्याय का घोर अपमान” बताया।

वेणुगोपाल ने शनिवार को ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “निमिषा विदेशी धरती पर भयावह यातना और घरेलू शोषण की शिकार रही हैं। उन पर लगाया गया मौत का फैसला न केवल अनुचित है, बल्कि यह मानवीय मूल्यों के खिलाफ भी है।”

सांसदों ने जताई चिंता, राजनयिक प्रयासों की मांग

इससे पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्यसभा सांसद पी. संतोष कुमार ने भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र भेजकर इस मुद्दे में कूटनीतिक दखल देने और मानवीय आधार पर समाधान निकालने की अपील की थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यमन की अदालत ने 2020 में निमिषा प्रिया को अपने यमनी साझेदार की हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। उन्होंने अपनी सजा के खिलाफ अपील की थी, जिसे नवंबर 2023 में यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद द्वारा खारिज कर दिया गया।

16 जुलाई को तय है फांसी की तारीख

नर्स प्रिया को 16 जुलाई 2025 को फांसी दिए जाने की संभावना है। वर्तमान में वे सना सेंट्रल जेल में बंद हैं।

वेणुगोपाल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि निमिषा के परिवार और सामाजिक संगठनों ने यमन में मृतक के परिवार से ‘दियाह’ (ब्लड मनी) के माध्यम से समझौते की कोशिश की है। लेकिन यमन में जारी गृहयुद्ध और अस्थिरता के कारण इन प्रयासों में गंभीर बाधाएं आ रही हैं।

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“मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए”

केसी वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया जाए और यमन सरकार से संपर्क कर सभी संभावित राजनयिक उपाय अपनाए जाएं, जिससे एक भारतीय नागरिक की जान बचाई जा सके।