बाराबंकी में बड़ा हादसा:- जिले के हैदरगढ़ मार्ग पर शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ इस हादसे में लोगो के अन्दर डर का माहोल देखने को मिला आईये जानते है उस भयवाह हादसे के बारे में आपको बतादे तेज बारिश के दौरान एक विशाल गूलर का पेड़ सड़क से गुजर रही रोडवेज बस पर गिर गया। इस हृदयविदारक दुर्घटना में चार महिलाओं सहित कुल पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य यात्री घायल हो गए हैं।

घटना करीब 10:30 बजे ज़ैदपुर थाना क्षेत्र के हरख ग्राम के समीप राजा बाज़ार के पास हुई, जहां बाराबंकी से हैदरगढ़ की ओर जा रही अनुबंधित रोडवेज बस पेड़ की चपेट में आ गई। पेड़ सीधे बस के अगले हिस्से पर गिरा, जिससे चालक और आगे बैठे यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।

घटना के वक्त बस में सवार थे 40 यात्री
बताया जा रहा है कि बस में लगभग 40 लोग सफर कर रहे थे। अचानक हुए इस हादसे से बस में चीख-पुकार मच गई। कुछ यात्री खिड़कियों से कूदकर बाहर निकले, जबकि कई लोग अंदर फंसे रह गए।

राहत कार्य में लगा वन विभाग, ग्रामीणों ने बढ़ाया सहयोग
सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीम ने पेड़ काटने का काम शुरू किया। बारिश के चलते राहत एवं बचाव कार्य में विलंब हुआ, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन का पूरा सहयोग किया।

मृतकों में शामिल हैं चार महिलाएं और बस चालक
सीएमओ डॉ. अवधेश कुमार यादव ने पुष्टि की है कि इस हादसे में चार महिलाओं और चालक की मृत्यु हुई है। मृतकों में एक महिला की पहचान गुलरिया गार्दा मोहल्ले की 53 वर्षीय शिक्षा मेहरोत्रा के रूप में हुई है, जबकि अन्य तीन मृत महिलाएं 40 से 45 वर्ष की आयु वर्ग की हैं।

घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता देने का निर्देश दिया है। साथ ही, जिला प्रशासन को घायलों का समुचित उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।

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ट्रेनिंग के लिए जा रही शिक्षिका भी घायल
हादसे में कोटवा निवासी शिक्षिका शैल कुमारी भी घायल हुई हैं, जो असंद्रा ट्रेनिंग के लिए जा रही थीं। उन्होंने बताया कि बस चालक ने अचानक जोर से आवाज लगाई, तभी बस पर पेड़ आ गिरा। करीब डेढ़ घंटे के प्रयास के बाद पेड़ को हटाकर यात्रियों को बस से बाहर निकाला गया।

निष्कर्ष:
बाराबंकी की यह दुखद घटना न केवल प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण रही, बल्कि मानसून के दौरान सड़क सुरक्षा और पेड़ों की स्थिति की समीक्षा की आवश्यकता की ओर भी इशारा करती है। फिलहाल घायलों का उपचार जारी है और प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है।