दरिया दरिया दिल्ली:- दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसके आसपास बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा गंभीर हो गया है। इससे काफी सारे लोगो को मुसीबतों का सामना करना पद रहा है हथिनीकुंड बैराज के सभी गेट खोले जा चुके हैं, जिससे पानी की आपूर्ति और तेज़ हो गई है। राजधानी में यमुना के किनारे बसे निचले इलाके पहले ही पानी में डूब चुके हैं, और स्थिति अब दिल्ली सचिवालय तक पहुंच गई है।

बुधवार शाम यमुना का पानी दिल्ली सरकार की चौखट तक पहुँच गया, जबकि अस्थायी राहत शिविरों तक भी पानी पहुंच चुका है। पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर जलस्तर 207 मीटर तक पहुँचने के कारण, जिला प्रशासन ने पूर्व, उत्तर, दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पूर्व और मध्य दिल्ली के 7,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया। उन्हें 25 अलग-अलग राहत शिविरों में ठहराया गया, जिनमें तंबू और स्कूल शामिल हैं।
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अधिकारी ने बताया कि जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज से हर घंटे छोड़ा जा रहा भारी पानी है। सुबह आठ बजे हथिनीकुंड बैराज से 1.62 लाख क्यूसेक और वजीराबाद से 1.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

दिल्ली के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि यमुना नदी की जल धारण क्षमता बढ़ाने के लिए हाल ही में कई रणनीतिक कदम उठाए गए हैं, ताकि बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने नागरिकों को आश्वासन दिया कि स्थिति नियंत्रण में है और अधिकतम जलस्तर 209 मीटर तक बढ़ने पर भी अधिकृत क्षेत्र में किसी मकान में बाढ़ का पानी नहीं पहुँचेगा।
वहीं, दिल्ली ISBT और गीता कॉलोनी में भारी बारिश और जलजमाव के कारण सड़क मार्ग प्रभावित हुए हैं। हरियाणा से छोड़े जा रहे पानी के कारण नदी का बहाव तेज़ हो गया है।
सरकार लगातार हथिनीकुंड, वजीराबाद और ओखला बैराजों से पानी के प्रवाह पर 24 घंटे निगरानी रख रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे निचले बाढ़ग्रस्त इलाकों में अनावश्यक रूप से न जाएँ और राहत कार्यों में सहयोग करें।
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दिल्ली में यमुना का पानी खतरे के निशान पर है, प्रशासन सतर्क और तैयारी में पूरी तरह जुटा हुआ है।