दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटने के बावजूद बाढ़ का खतरा जारी:- राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है। निचले इलाकों में पानी जमा होने और जलभराव की स्थिति के कारण लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ रही है। इन शिविरों में रहने वाले कई लोग बुखार, त्वचा में चकत्ते और ‘फंगल इंफेक्शन’ जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

शनिवार सुबह 6 बजे यमुना का जलस्तर 206.65 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है। हथनीकुंड बैराज से 58,216 क्यूसेक, वज़ीराबाद बैराज से 1,20,220 क्यूसेक और ओखला बैराज से 2,18,028 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को हल्की बारिश दर्ज की गई, लेकिन मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले चार दिनों तक बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश की संभावना बनी रहेगी।
बाढ़ प्रभावित इलाके और राहत कार्य
यमुना के बढ़ते जलस्तर से यमुना बाजार, मजनू का टीला, गीता कॉलोनी, गढ़ी मांडू, कश्मीरी गेट और मयूर विहार जैसे इलाके प्रभावित हुए हैं। राहत और बचाव टीमें अब तक 14,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी हैं।
कश्मीरी गेट के पास सर्वोदय विद्यालय में बने शिविर में लगभग 322 लोग शरण लिए हुए हैं। ये लोग पहले यमुना बाजार राहत शिविर में थे, जिसे बाढ़ के कारण खाली कराना पड़ा।
राहत शिविरों में स्वास्थ्य समस्याएं
राहत शिविरों में चिकित्सकों ने बुखार, त्वचा में जलन और हल्के संक्रमण के कई मामले दर्ज किए हैं। बच्चों और बुजुर्गों में लंबे समय तक भीगने की वजह से स्वास्थ्य समस्याएं ज्यादा देखी जा रही हैं। शिविरों में दवाइयां वितरित की जा रही हैं और नियमित स्वास्थ्य जांच जारी है।
एक 60 वर्षीय महिला पूजा ने बताया कि उनके पांच साल के पोते को पिछले दो दिनों से हल्का बुखार है। वहीं, शिवानी नामक महिला के दो साल के बेटे को बुखार और उल्टी की शिकायत है, जिसे मेडिकल टीम ने दवाइयां देकर उपचार दिया।
जल और सिंचाई मंत्री का बयान
दिल्ली के जल और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा ने स्पष्ट किया कि वर्तमान जलजमाव बाढ़ के कारण नहीं बल्कि बारिश के पानी के कारण है। उन्होंने कहा, “यमुना का जलस्तर बढ़ा है, जिसके कारण प्रशासन ने ड्रेनेज सिस्टम को बंद किया ताकि पानी सड़क पर न आ सके। सड़क पर जो पानी जमा हुआ है, वह मुख्य रूप से बारिश का है। जलजमाव को लेकर जो बातें कही जा रही हैं, वह पूरी तरह गलत हैं।
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निष्कर्ष
यमुना का जलस्तर घटने के बावजूद राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ का संकट जारी है। प्रशासन और राहत टीमें लगातार प्रभावित लोगों की मदद कर रही हैं, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक बारिश और जलभराव की स्थिति बनी रह सकती है।