भारत सरकार का बयान:- विदेश मंत्रालय ने यह साफ़ किया है कि यमन में फांसी की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को न्याय दिलाने के लिए भारत सरकार हरसंभव कदम उठा रही है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि कानूनी सहायता उपलब्ध कराई गई है और पीड़ित परिवार की सहायता के लिए वकील की नियुक्ति भी की गई है। और स्थानीय अधिकारीयों और निमिषा प्रिया के परिवार के संपर्क में है

उन्होंने बताया कि भारत सरकार यमन की स्थानीय अथॉरिटीज और निमिषा प्रिया के परिवार से निरंतर संपर्क में है ताकि इस संवेदनशील मामले का सही समाधान खोजा जा सके। सरकार की ओर से यह भी प्रयास किया जा रहा है कि पीड़ित परिवार को अतिरिक्त समय मिले, जिससे वे संबंधित पक्ष के साथ आपसी सहमति पर पहुंच सकें।
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह मामला बेहद मानवीय और गंभीर है, और भारत इसे प्राथमिकता के आधार पर देख रहा है। इसके साथ ही भारत कुछ मित्र देशों के माध्यम से भी समर्थन प्राप्त करने के प्रयास कर रहा है।
रूसी तेल खरीद पर नाटो प्रमुख की टिप्पणी पर भारत की सख्त प्रतिक्रिया
नाटो महासचिव मार्क रुटे के उस बयान पर भी विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों को सेकंडरी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
इस पर रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने नाटो प्रमुख के बयान की जानकारी ली है और इस मुद्दे पर पूरी नजर रखी जा रही है। भारत की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम अपने निर्णय वैश्विक ऊर्जा बाज़ार की स्थिति और भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए लेते हैं।
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उन्होंने यह भी जोड़ा कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय नीति में दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए। भारत का रुख स्पष्ट है— देश के नागरिकों की सुरक्षा और ऊर्जा ज़रूरतों की पूर्ति हमारे निर्णयों का मूल आधार रहेगी।