गृहमंत्री अमित शाह का निर्देश:- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने राज्यों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करें और उन्हें उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करें। सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने शुक्रवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत के दौरान इस मुद्दे पर विशेष रूप से जोर दिया और कहा कि विदेशी नागरिकों के अवैध रूप से भारत में रहने पर कड़ा रवैया अपनाया जाना चाहिए।

गृहमंत्री अमित शाह का निर्देश

यह निर्देश ऐसे समय पर आया है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हमले के तुरंत बाद सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा को रद्द करने का फैसला लिया और अब उनकी जल्द वापसी के लिए राज्यों से सहयोग मांगा गया है।

सिंधु जल संधि पर भी बढ़ा सख्त रवैया, भारत ने पाकिस्तान को भेजा संशोधन नोटिस

इसी बीच, केंद्रीय गृह मंत्री के आवास पर सिंधु जल संधि को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई गई है, जिसमें जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक से पहले भारत ने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से सिंधु जल संधि में संशोधन का नोटिस भेज दिया है।

यह भी पड़े:-Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान कनेक्शन, कोड वर्ड और बॉडी कैम से जुड़ा बड़ा खुलासा

भारत सरकार का कहना है कि 1960 में जिस संदर्भ में यह संधि बनी थी, आज की परिस्थितियां उससे काफी अलग हैं। देश की जनसंख्या, ऊर्जा ज़रूरतें और जल संसाधनों के वितरण की प्रणाली में बड़े पैमाने पर बदलाव आए हैं, जिससे अब संधि पर पुनर्विचार ज़रूरी हो गया है।

यह्व भी पड़े:- Rajnath on Pahalgam Attack: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दो-टूक संदेश – “हर एक आंसू का

भारत ने पत्र में साफ कहा है कि जबकि संधि को सौहार्दपूर्वक लागू किया जाना अपेक्षित था, पाकिस्तान लगातार सीमापार आतंकवाद को प्रोत्साहन दे रहा है, जो संधि की भावना के खिलाफ है। भारत ने अनुच्छेद XII (3) के तहत संधि में संशोधन की मांग करते हुए नई शर्तों पर विचार का आग्रह किया है।

पहल्गाम हमला: केंद्र की सख्ती के पीछे कारण

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के बैसरन मैदान, पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस वीभत्स घटना के बाद सरकार ने अपनी नीतियों में तीव्रता लाते हुए विदेशी नागरिकों और पाकिस्तान के साथ हुए जल समझौते पर सख्त रवैया अपनाया है।