ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई को मारने की थी इस्राइल की योजना:- ईरान और इस्राइल के बीच 12 दिनों तक चले संघर्ष ने पश्चिम एशिया को हिला कर रख दिया। इस दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है इस्राइल ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई की हत्या की योजना बनाई थी। हालांकि, यह मिशन अंततः असफल रहा। लेकिन सवाल यह है कि इस्राइल जैसी ताकतवर खुफिया एजेंसी मोसाद भी खामनेई को क्यों नहीं ढूंढ पाई? खामनेई किस बंकर में छिपे थे? और क्या अब भी वे खतरे से बाहर नहीं हैं?

ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई को मारने की थी इस्राइल की योजना

इस्राइल की योजना का खुलासा: रक्षा मंत्री ने तोड़ी चुप्पी

इस्राइली रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज ने चैनल 13 को दिए एक साक्षात्कार में इस बात की पुष्टि की कि 12 दिन चले संघर्ष के दौरान खामनेई को निशाना बनाना इस्राइल के मिशन का हिस्सा था। उन्होंने कहा,
“हमने उन्हें चिह्नित कर लिया था, लेकिन ऑपरेशन के लिए ज़रूरी मौका नहीं मिला।”

काट्ज ने आगे बताया कि खामनेई उस दौरान भूमिगत एक अत्यंत गोपनीय बंकर में छिपे थे और उन्होंने अपने सभी संचार माध्यम बंद कर दिए थे, जिससे उनकी लोकेशन का पता लगाना लगभग नामुमकिन हो गया।

जब पूछा गया कि क्या अमेरिका ने इस मिशन की अनुमति नहीं दी, तो काट्ज ने स्पष्ट रूप से कहा,
“ऐसे ऑपरेशनों के लिए हमें किसी की अनुमति की ज़रूरत नहीं होती।

क्यों नहीं ढूंढ पाई मोसाद खामनेई को?

मोसाद को विश्व की सबसे कुशल खुफिया एजेंसियों में गिना जाता है, लेकिन खामनेई को ढूंढने में वह विफल रही। इसकी बड़ी वजह थी खामनेई की सुरक्षा और रणनीति।
सूत्रों के मुताबिक, 13 जून के बाद से ही वे किसी अज्ञात बंकर में छिपे हुए हैं। पहले वे तेहरान के ‘बेत रहबरी’ नामक गुप्त ठिकाने पर थे, लेकिन हमलों के खतरे को भांपते हुए उन्हें वहां से हटा दिया गया।

अब कहा जा रहा है कि वे लाविजान नामक स्थान के समीप स्थित एक भूमिगत बंकर में हैं, जहां उनके साथ उनके परिवार के सदस्य, खासतौर पर उनके उत्तराधिकारी माने जा रहे मोजतबा खामनेई भी मौजूद हैं।

खामनेई की सुरक्षा: एक अदृश्य कवच

ब्रिटिश अखबार ‘द टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के अनुसार, खामनेई की सुरक्षा के लिए ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) ने एक विशेष इकाई गठित की है, जिसकी पहचान और गतिविधियों की जानकारी खुद IRGC के शीर्ष अधिकारियों को भी नहीं है। यह यूनिट केवल खामनेई की सुरक्षा में तैनात है।

खामनेई के आसपास किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल नहीं होता। संचार के सभी माध्यम बंद कर दिए गए हैं, और संदेश केवल भरोसेमंद अंगरक्षकों के ज़रिए भेजे जाते हैं।

क्या जल्द सार्वजनिक होंगे खामनेई?

हाल ही में खामनेई ने टेलीविजन पर एक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अमेरिका और इस्राइल को सीधी चुनौती दी।
उन्होंने कहा,
“हम कभी अमेरिका के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। वे हमारी संप्रभुता को नष्ट करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलेगी।

यह भी पड़े:- एयर इंडिया की बैंकॉक फ्लाइट मुंबई एयरपोर्ट पर पांच घंटे देरी से रवाना, पंख में घास फंसने के कारण

उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिकी और इस्राइली हमलों से ईरान के परमाणु ठिकानों को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है और यह इस्लामिक गणराज्य की जीत है।

आगे क्या? उत्तराधिकारी की तलाश और नई नियुक्तियां

रिपोर्ट्स के मुताबिक, खामनेई इस समय अपने गुप्त ठिकाने से ही सेना में नए शीर्ष अफसरों की नियुक्ति और संगठनात्मक बदलावों की निगरानी कर रहे हैं।
इसके अलावा वे अपने उत्तराधिकारी को लेकर भी मंथन कर रहे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे किसी दीर्घकालिक रणनीति पर काम कर रहे हैं।

यह भी पड़े:-दिल्ली में कल मिल सकती है राहत की फुहार, पर दिन में बढ़ेगी गर्मी की तपिश

निष्कर्ष: खामनेई अब भी निशाने पर?

यह पहली बार है जब इस्राइल ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि वह ईरान के सर्वोच्च नेता को निशाना बनाना चाहता था। हालांकि अभियान विफल रहा, लेकिन इससे स्पष्ट है कि आने वाले समय में यह संघर्ष और भी गंभीर मोड़ ले सकता है।
इस्राइल की ओर से स्पष्ट संदेश है—खामनेई को अब पहले से ज्यादा सतर्क रहना होगा।