मिशन ‘पाक बेनकाब:- भारत ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने के खिलाफ एक बड़ा कूटनीतिक अभियान छेड़ दिया है। ‘मिशन पाक बेनकाब’ के तहत संसद के सात अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल जल्द ही दुनिया के प्रमुख देशों का दौरा करेंगे। इस मिशन का मकसद वैश्विक मंच पर पाकिस्तान के झूठ को उजागर करना और यह संदेश देना है कि भारत आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा।

सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों साथ
इस बार खास बात यह है कि प्रतिनिधिमंडल में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों दोनों के वरिष्ठ सांसद शामिल हैं। यह राष्ट्रीय मुद्दों पर एकजुटता का परिचायक है। सांसदों के ये प्रतिनिधिमंडल उन देशों का दौरा करेंगे, जो भारत के रणनीतिक और कूटनीतिक साझेदार हैं।
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने इस पहल को “भारत की एकजुट आवाज़” बताया है और कहा कि ये प्रतिनिधिमंडल भारत की ओर से स्पष्ट संदेश देंगे कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
इन सात नेताओं को सौंपी गई कमान
सात अलग-अलग देशों में जा रहे प्रतिनिधिमंडलों की कमान जिन वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है, उनमें सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों पक्षों के दिग्गज शामिल हैं। सरकार ने विचार-विमर्श के बाद मुखर और प्रभावशाली नेताओं को चुना है।
सत्तापक्ष से:
- रविशंकर प्रसाद (भाजपा)
- बैजयंत पांडा (भाजपा)
- श्रीकांत शिंदे (शिवसेना – शिंदे गुट)
- संजय झा (JDU)
विपक्ष से:
- शशि थरूर (कांग्रेस)
- कनिमोई (DMK)
- सुप्रिया सुले (NCP – शरद पवार गुट)
कौन जाएगा किस देश में?
- शशि थरूर की टीम अमेरिका और ब्रिटेन का दौरा करेगी। थरूर ने इस मिशन को “राष्ट्रीय सेवा” बताते हुए कहा कि भारत की विदेश नीति और आतंकवाद विरोधी रुख को मजबूती से दुनिया के सामने रखना उनका दायित्व है।
- रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल गल्फ देशों – सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया का दौरा करेगा।
- सुप्रिया सुले की टीम ओमान, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और मिस्र जाएगी।
- संजय झा की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया (दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश) की यात्रा करेगा।

कौन होंगे प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा?
इस ऐतिहासिक अभियान में जिन प्रमुख सांसदों को शामिल किया गया है, उनमें नाम शामिल हैं:
अनुराग ठाकुर, अपराजिता सारंगी, मनीष तिवारी, असदुद्दीन ओवैसी, अमर सिंह, राजीव प्रताप रूडी, समिक भट्टाचार्य, बृजलाल, सरफराज अहमद, प्रियंका चतुर्वेदी, विक्रमजीत साहनी, सस्मित पात्रा, भुवनेश्वर कलिता आदि।
पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद को भी प्रतिनिधिमंडल में विशेष रूप से शामिल किया गया है, हालांकि वे इस समय सांसद नहीं हैं। वहीं, तृणमूल सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने स्वास्थ्य कारणों से दौरे में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
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भारत की ओर से एकजुट आवाज
यह प्रतिनिधिमंडल सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं है, बल्कि भारत की एकजुटता और आतंकवाद के खिलाफ उसकी कड़ी नीति का प्रतिनिधित्व करेगा।
श्रीकांत शिंदे ने कहा, “जब बात राष्ट्रीय हित की हो, तो दलगत राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है। यह हमारा कर्तव्य है कि दुनिया को बताएं कि भारत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करता।”
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निष्कर्ष
‘मिशन पाक बेनकाब’ सिर्फ एक विदेश दौरा नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक नीति में निर्णायक मोड़ है। यह दिखाता है कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि निर्णायक पहल कर रहा है। सरकार और विपक्ष की साझा भागीदारी इस पहल को और अधिक प्रभावशाली बनाती है।