नबन्ना चलो अभियान:- पश्चिम बंगाल में आरजी कर अस्पताल की डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले की पहली बरसी पर शनिवार को ‘नबन्ना चलो अभियान’ के तहत आयोजित प्रदर्शन हिंसक मोड़ ले गया। हावड़ा के संतरागाछी इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ने का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया।

प्रदर्शनकारियों का उद्देश्य राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक शांतिपूर्ण मार्च निकालकर न्याय की मांग करना था। हालांकि, पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के तहत क्षेत्र में लोहे के मजबूत बैरिकेड लगाए थे, जिन्हें प्रदर्शनकारियों ने पार करने की कोशिश की। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच टकराव हुआ और तनाव बढ़ गया।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम किसी भी हाल में नबन्ना पहुंचेंगे, चाहे पुलिस की कार्रवाई कैसी भी हो। अब न्याय मिलने तक हम पीछे नहीं हटेंगे।” पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई बार चेतावनी दी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसे नजरअंदाज किया।

भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस मौके पर कहा कि यह आंदोलन राजनीतिक नहीं, बल्कि पीड़िता के परिवार की न्याय की मांग है। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर प्रदर्शनकारियों को दबाने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया। अधिकारी ने बताया कि इस मार्च में भाजपा के अलावा अन्य राजनीतिक दलों और सामाजिक समूहों के लोग भी शामिल हैं।

शुभेंदु अधिकारी ने आगे कहा कि वे जल्द ही पीड़िता के परिजनों से मिलने जाएंगे और इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदर्शन के दौरान उन्होंने रक्षाबंधन का उत्सव बिना किसी मिठाई बांटे मनाया, जो इस घटना की गंभीरता को दर्शाता है।
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इस प्रदर्शन ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी है, लेकिन न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों का उत्साह कम नहीं हुआ है।