PMO में एक के बाद एक बैठकें: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही देश की राजधानी दिल्ली में हलचल काफी तेज हो गई है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही साउथ ब्लॉक स्थित पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) पहुंचे, लगातार एक के बाद एक हाईलेवल मीटिंग्स का सिलसिला शुरू हो गया। माहौल बेहद गंभीर नज़र आ रहा है और सुरक्षा व्यवस्था से लेकर राजनीतिक समीकरण तक, हर पहलू पर गहन चर्चा हो रही है।

PMO में एक के बाद एक बैठकें

राहुल गांधी पहुंचे पीएमओ, मुलाकात के मायने बड़े!

सबसे बड़ी और चौंका देने वाली खबर रही कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से से मुलाकात की। राहुल गांधी नरेन्द्र मोदी से मिलने से सीधे पीएमओ पहुंचे और यह मीटिंग करीब आधे घंटे जारी रही। माना जा रहा है कि यह बैठक नए सीबीआई पद प्रमुख की नियुक्ति को लेकर हो सकती है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा ये भी है कि दोनों नेताओं के बीच पहलगाम हमले पर भी बातचीत हुई है।

सभी सुरक्षा एजेंसियां एक्टिव मोड में

इससे पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी। यह नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा एजेंसियां के साथ मीटिंग बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि इस मीटिंग में देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को लेकर रणनीतियों पर चर्चा हुई। डोभाल के तुरंत बाद गृह सचिव गोविंद मोहन पीएमओ पहुंचे और हालात की अपडेट रिपोर्ट दी।

इसके बाद रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह भी प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने पीएम को जम्मू-कश्मीर की स्थिति और सेना की तैयारियों की जानकारी दी। बता दें कि प्रधानमंत्री पहले ही तीनों सेनाओं के प्रमुखों से अलग-अलग मीटिंग कर चुके हैं।

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एयरफोर्स और नेवी के प्रमुखों से भी मोदी की मुलाकात

रविवार को भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी। यह अहम बैठक करीब 40 मिनट जारी रही, जिसमें वायुसेना की ऑपरेशनल तैयारियों और सुरक्षा रणनीतियों पर अहम चर्चा की गई। शनिवार को नेवी चीफ ने भी पीएम से मुलाकात की थी, जो बताता है कि सरकार इस समय पूरी गंभीरता से हालात पर नजर रखे हुए है।

भारत-जापान डिफेंस टाई-अप पर भी चर्चा

इस बीच एक बाद एक चर्चाओं के अहम दौर में एक और अहम मुलाकात हुई – भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षा मंत्री जनरल नाकातानी के बीच। यह मुलाकात नई दिल्ली में हुई इस मुलाकात में जापान ने भारत को अपना पूरा साथ देने का वादा किया है। खास बात यह रही कि जापान के मंत्री ने भी पहलगाम में हुए हमले को लेकर कड़ी निंदा की और भारत के साथ एकजुटता दिखाई।

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क्या होने वाला है कुछ बड़ा?

लगातार हो रही बैठकों और नेताओं की हलचल के बीच सवाल उठता है – क्या सरकार कोई बड़ा फैसला लेने वाली है?
क्या सुरक्षा तंत्र को और अधिक सशक्त करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे?
या फिर राजनीतिक स्तर पर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है?

फिलहाल इतना तय है कि भारत सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में हैं, और देश की सुरक्षा को लेकर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।


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