पश्चिम एशिया में तनाव के बीच पीएम मोदी की पहल:- मध्य-पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच भारत ने एक बार फिर संवाद और शांति का पक्ष लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ईरान के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से टेलीफोन पर बातचीत की और क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सहयोग को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी दी कि उन्होंने राष्ट्रपति पेजेशकियन से मौजूदा हालात पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने हाल के दिनों में ईरान और पश्चिमी देशों के बीच बढ़े तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की और तुरंत तनाव कम करने, संवाद और कूटनीति के माध्यम से समाधान तलाशने की अपील की।

“हमने हालिया घटनाक्रमों और क्षेत्रीय तनाव पर विस्तार से चर्चा की। भारत हमेशा से यह मानता रहा है कि संवाद और कूटनीति से ही किसी भी संकट का समाधान संभव है,” — पीएम मोदी का ट्वीट।

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भी दी और भारत-ईरान के मजबूत द्विपक्षीय रिश्तों को और गहरा करने की इच्छा जताई।

यह संवाद ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हालिया हमलों से पश्चिम एशिया में स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई है। इसी को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी गहरी चिंता जाहिर की और कहा कि ईरान-इस्राइल संघर्ष अगर बेकाबू हुआ, तो इसके गंभीर वैश्विक परिणाम हो सकते हैं।

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गुटेरेस ने कहा,

“इस क्षेत्रीय तनाव से न केवल स्थानीय लोग प्रभावित होंगे बल्कि पूरी दुनिया पर असर पड़ सकता है। अब जरूरत है कि सभी पक्ष तनाव कम करें और कूटनीतिक रास्ते को अपनाएं।”

इसी मुद्दे पर चीन की सरकारी मीडिया ने भी अमेरिकी हस्तक्षेप को खतरनाक करार दिया। सीजीटीएन की रिपोर्ट के अनुसार,

“मध्य-पूर्व में अतीत में हुए सैन्य हस्तक्षेपों ने लंबे संघर्ष और अस्थिरता को जन्म दिया है। वर्तमान संकट को सिर्फ संतुलित और शांतिपूर्ण बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है।”

भारत की यह पहल वैश्विक शांति और कूटनीति को आगे बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।