हिमाचल में बारिश बनी कहर:- हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने समय से पहले दस्तक दी है और अपने साथ भारी तबाही लेकर आया है। 20 जून से अब तक राज्य में बारिश और इससे जुड़ी घटनाओं में 17 लोगों की जान जा चुकी है। सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्रों में धर्मशाला, कांगड़ा, मंडी, शिमला, चंबा और ऊना शामिल हैं।

धर्मशाला के खनियारा इलाके में मनूनी खड्ड में आई बाढ़ ने 6 लोगों की जान ली, जबकि कांगड़ा की अन्य खड्डों में दो लोग डूब गए। शाहपुर के ढडम्ब में आकाशीय बिजली गिरने से एक की मौत हुई। मंडी, शिमला और चंबा में अलग-अलग स्थानों पर भूस्खलन और अन्य घटनाओं से एक-एक व्यक्ति की जान गई। वहीं बिलासपुर में सांप के काटने और ऊना में डूबने से दो और लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
पिछले सात दिनों में राज्य में 14 मकान और 7 दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं, और कुल मिलाकर लगभग 300 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है।
राज्य के बागवानी और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने स्थिति पर चिंता जताते हुए बताया कि कुल्लू और धर्मशाला जैसे क्षेत्रों में अचानक आई बाढ़ ने सड़क संपर्क, बिजली आपूर्ति और पेयजल योजनाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है। हालांकि विभागीय टीमें तेजी से राहत और पुनर्बहाली का कार्य कर रही हैं। कुछ छोटे पुल भी बह गए हैं, लेकिन नेशनल हाईवे अब तक चालू हैं।
यह भी पड़े:- दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर सख्ती: पेट्रोल-डीजल पर रोक, सीएनजी को मिली राहत
मौसम विभाग का अलर्ट:
28 जून को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में बेहद भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 29 जून से 1 जुलाई के बीच भी कई जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। विभाग ने लोगों को यात्रा के दौरान सतर्क रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी है।
पर्यटन पर नहीं पड़ा असर:
इस मुश्किल हालात के बावजूद हिमाचल के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही जारी है। शिमला, कुफरी, नालदेहरा और नारकंडा जैसे क्षेत्रों में सैलानी नज़ारे और मौसम का भरपूर लुत्फ उठा रहे हैं। होटल बुकिंग में भी तेजी आई है, जो राज्य के पर्यटन कारोबार के लिए राहत की बात है।