गाजियाबाद में दिल दहला देने वाली घटना:- गोविंदपुरम इलाके में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) अधिकारी अविनाश और उनकी बहन अंजलि की आत्महत्या के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। पुलिस को अंजलि की डायरी में 22 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें सौतेली मां रितु और पिता सुखवीर सिंह को मौत का जिम्मेदार बताया गया है। आईये इस पूरी खबर पर नज़र डालते है आखिर अंजलि की डायरी मैं किया लिखा था बने रहे हमारे साथ

मेरे शव को मत छूना…: अंजलि की आखिरी बातें
सुसाइड नोट में अंजलि ने भावनात्मक रूप से झकझोर देने वाले शब्दों में अपनी पीड़ा साझा की। उन्होंने लिखा, सुखवीर सिंह, आपको ‘पापा’ कहना अच्छा नहीं लगता, आपकी पत्नी मुबारक हो। आपको मेरे शव को छूने का कोई अधिकार नहीं है। मेरी चिता को आग सिर्फ मेरा दोस्त महिम ही देगा।
उन्होंने आगे लिखा कि उनके चरित्र पर सवाल उठाए गए और उनके पिता चुप रहे। पिता को बच्चो को सिर्फ जन्म देना या सिर्फ स्कूल की फीस भरने तक सीमित नहीं है। अपने हमारे साथ कभी समय नहीं बिताया हमारी इच्छा भी पूरी नहीं की आपने हमारी भावनाओं का गला घोंट दिया। अंजलि ने अपने दोस्त महिम को अपनी जमा पूंजी और पीएफ का हकदार घोषित करते हुए अंतिम संस्कार से संबंधित जिम्मेदारियां भी उन्हीं को सौंपी हैं।
डायरी मत फाड़ना… समाज में नज़रें उठाकर जीकर दिखाना
अंजलि ने स्पष्ट रूप से लिखा कि अगर वह अकेली आत्महत्या करतीं, तो उनके चरित्र पर सवाल खड़े किए जाते। अंजलि ने अपने सोतेली माँ का साफ़ चेतावनी दी उन्होंने डायेरी मैं लिखा की डायेरी के पेज मत फाड़ना इसलिए मैं उन्होंने डायरी की तस्वीरें कई रिश्तेदारों को भेज दीं। ताकि कोई सबूत मिटा न सके और तुम्हारी चतुराई पकड़ी जाए।
पुराने जख्मों को कुरेदता है यह मामला
परिवार के करीबी रिश्तेदार और अंजलि के मामा देवेंद्र सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि दोनों बच्चों की मां कमलेश देवी की मौत भी संदेहास्पद थी। वर्ष 2007 में जहरीला पदार्थ खाकर उनकी मृत्यु हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना उनके बहनोई सुखवीर सिंह के प्रेम संबंधों का विरोध करने की वजह से हुई थी।
मां की मौत के बाद शुरू हुआ उत्पीड़न
तहरीर में बताया गया है कि कमलेश की मौत के एक साल बाद ही सुखवीर सिंह ने अपनी प्रेमिका से शादी कर ली। इसके बाद अविनाश और अंजलि पर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न बढ़ गया। एक समय के लिए दोनों इंदिरापुरम में मौसी के घर रहने चले गए थे, लेकिन बाद में पिता उन्हें फिर घर ले आए।
पिता का बयान: सब कुछ लुट गया
घटना के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर भावुक नजर आए पिता सुखवीर सिंह ने कहा, अब किसके लिए कमाऊं? बेटे को अधिकारी बनाने का सपना देखा था। दूसरी पत्नी से संतान नहीं चाही, ताकि बच्चों का भविष्य संवारे। पर अब वे ही सबकुछ खत्म कर गए। उन्होंने कहा की मेने कभी दूसरी औरत से संतान नहीं की उसे भी संतान न करने के एलिए मनाया ताकि आपने बच्चो का भविष्य सवार सकू
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पुलिस कर रही जांच, हो सकती है कानूनी कार्रवाई
कविनगर एसीपी भास्कर वर्मा ने बताया कि पीड़ित पक्ष की तहरीर मिल गई है। आरोप गंभीर हैं और पुराने घटनाक्रम भी जांच के दायरे में लिए गए हैं। डीसीपी सिटी धवल जायसवाल ने कहा, 22 पेज के सुसाइड नोट से कई अहम सुराग मिले हैं। जांच के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला केवल पारिवारिक कलह का नहीं, बल्कि समाज के उस कड़वे सच का प्रतीक है, जहां रिश्तों के भीतर दम तोड़ते सपने और संवेदनाएं अक्सर अनदेखी रह जाती हैं। अंजलि और अविनाश की आत्महत्या सिर्फ व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि सिस्टम और समाज के लिए एक चेतावनी है।
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