ब्लैकआउट से सन्नाटा: कल यानि 7 मई की तारीख को भारत के कई प्रमुख शहरों में रात को एक अजीब घटना घटी, जब अचानक से दिल्ली से लेकर कोलकाता तक पूरा शहर अंधेरा से छा गया। यह घटना कोई सामान्य बिजली कटौती नहीं थी, बल्कि देशव्यापी ऑपरेशन अभ्यास का एक बड़ा हिस्सा था, जिसे ब्लैकआउट ड्रिल कहा गया। इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य था देश की सुरक्षा तैयारियों को परखना, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में प्रतिक्रिया की गति और रणनीति को सुधारा जा सके।

ब्लैकआउट ड्रिल की प्रमुख जगहें
इस ड्रिल के दौरान, दिल्ली के भी कई प्रमुख स्थानों पर लाइट्स बंद कर दी गईं।
- इंडिया गेट
- कनॉट प्लेस
- संविधान सदन
- आरबीआई बिल्डिंग

इन जगहों पर लाइट्स बंद होने के बाद पूरे शहर में अंधेरा सा छा गया। दिल्ली ही नहीं, बल्कि राजस्थान की राजधानी जयपुर और पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी इस ड्रिल का पालन बहुत अच्छे से किया गया। इसके अलावा, गाजियाबाद जैसे शहर में भी पूरी तरह से ब्लैकआउट का अभ्यास किया गया।

इस ब्लैकआउट का मुख्य उद्देश्य
7 मई को हुई इस ब्लैकआउट ड्रिल का मुख्य उद्देश्य था यह सुनिश्चित करना कि देश की जनता किसी भी आपात स्थिति से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह अभ्यास भारत की सरकारी एजेंसियों से लेकर नागरिकों तक के लिए एक टेस्ट था, ताकि यदि भविष्य मे कभी ऐसी परिस्थिति बनती है, तो सभी के पास योजना हो और वे तत्परता से काम कर सकें।

क्या यह ब्लैकआउट डरने की बात है?
नहीं, ब्लैकआउट कोई डरने की बात नहीं है। यह एक तैयारी है ताकि भविष्य में किसी भी स्तिथि से संभला जा सके। ब्लैकआउट ड्रिल के माध्यम से, देश अपनी सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है, और यह दर्शाता है कि देश किसी भी संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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अगर अगली बार कभी भी आपके शहर में अचानक से सभी लाइट्स बंद हो जाएं, तो आपको बिल्कुल भी घबराएं नहीं है। यह सिर्फ एक सुरक्षा अभ्यास हो सकता है, ताकि देश किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहे।
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