बिहार की राजधानी पटना से एक बड़ी राजनीतिक हलचल सामने आई है, जहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए वक्फ संशोधन विधेयक को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी, तो इस वक्फ बिल को फाड़कर कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा।

आरक्षण की तरह वक्फ बिल पर भी जंग का ऐलान

तेजस्वी यादव ने कहा कि जिस तरह से पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के लिए उनकी पार्टी ने सड़क से लेकर संसद और कोर्ट तक लड़ाई लड़ी थी, ठीक वैसे ही हम भी वक्फ बिल के खिलाफ हर मंच पर संघर्ष करेंगे। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इस बिल को चुनौती देने के लिए याचिका पहले से ही दायर की जा चुकी है।

अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है सरकार – तेजस्वी का आरोप

अपने बयान में तेजस्वी ने यह भी कहा कि यह कानून सिर्फ मुस्लिम समाज पर नहीं, बल्कि धीरे-धीरे सभी अल्पसंख्यकों समुदाय पर हमला करने की शुरुआत है। उन्होंने कहा, “आज मुसलमानों की बारी है, कल ईसाई, सिख और फिर बहुसंख्यक हिंदू भी इनके निशाने पर होंगे।”

समर्थन देने वालों को चुनाव में भुगतना होगा – तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने चेतावनी देते हुए कहा कि वक्फ बिल का समर्थन करने वाले सांसदों को इसका जवाब आने वाले चुनाव में जनता देगी। उन्होंने कहा कि यह जनता के खिलाफ है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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नीतीश कुमार पर सीधा हमला – चुप्पी पर उठाए सवाल

तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “जब पूरा देश इस बिल पर चर्चा कर रहा है, वहीँ नीतीश कुमार ने अब तक इस बिल को लेकर एक शब्द भी नहीं बोला। क्या नितीश कुमार की ये चुप्पी एक सोची-समझी साजिश है?”

साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आते-आते बीजेपी ने नीतीश कुमार को पीछे कर दिया है और अब सिर्फ मोदी की तस्वीरें आगे दिखाई जा रही हैं।

चिराग पासवान पर तंज – ‘मुंह में मिठास, पीठ में छुरा’

तेजस्वी यादव ने लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान पर भी निशाना साधते हुए कहा, कि “उनका स्टाइल है – सामने मीठा बोलना और पीछे से वार करना।” उन्होंने चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान का उदाहरण देते हुए कहा कि गोधरा कांड के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। अब सवाल यह है – क्या उस वक्त उनके पिता गलत थे या आज ये गलत हैं?

राजद में शामिल होंगे जदयू से इस्तीफा देने वाले?

जब उनसे पूछा गया कि क्या जदयू छोड़ने वाले अल्पसंख्यक नेताओं को राजद में जगह मिलेगी, तो उन्होंने सीधा जवाब दिया, “हर कोई व्यक्ति स्वतंत्र है। अगर कोई पार्टी में आने की इच्छा रखता है, तो पार्टी उस पर सोच विचार करेगी।”

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राज्यपाल के बयान पर भी दी प्रतिक्रिया

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा वक्फ बिल संशोधन के समर्थन पर तेजस्वी ने कहा, “यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है, लेकिन हम संविधान और जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ने आए हैं।”

अंतिम संदेश – यह सिर्फ बिल नहीं, अधिकारों की लड़ाई है

तेजस्वी यादव ने अंत में कहा, “यह सिर्फ एक वक्फ बिल का मामला नहीं है। यह देश के लोकतंत्र, अधिकारों और सामाजिक न्याय की लड़ाई है। जब तक ज़रूरत होगी, हम पीछे नहीं हटेंगे।”


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