संभावित शांति की राह? :- रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अब शांति की संभावनाओं पर नई बहस छिड़ गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की नई पीस प्लान यानी शांति योजना ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। इस योजना में ट्रंप ने सुझाव दिया है कि रूस और यूक्रेन मौजूदा मोर्चे (फ्रंटलाइन) को बातचीत का आधार बनाकर युद्धविराम की दिशा में आगे बढ़ें।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि ट्रंप की पहल “संवाद की एक संभावित शुरुआत” हो सकती है। हालांकि, उन्होंने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें संदेह है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे।
जेलेंस्की ने दी ट्रंप को खुली सहमति
नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेलेंस्की ने कहा,
ट्रंप ने प्रस्ताव दिया कि हम वहीं रहें जहां हैं, और बातचीत शुरू करें। यह मुझे एक अच्छा समझौता लगता है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि पुतिन इसके लिए तैयार होंगे।
जेलेंस्की के मुताबिक, उन्होंने इस पर खुद ट्रंप से चर्चा की थी और शांति के हर रास्ते को परखने की इच्छा जताई थी।
ट्रंप की “पीस प्लान” में क्या है खास?
ट्रंप की योजना का मुख्य उद्देश्य रूस और यूक्रेन के बीच चल रही सैन्य झड़पों को रोककर मौजूदा फ्रंटलाइन से शांति वार्ता की शुरुआत करना है। ट्रंप का कहना है कि अगर दोनों पक्ष मौजूदा सीमाओं को अस्थायी रूप से स्वीकार कर बातचीत शुरू करें, तो युद्ध की दिशा बदल सकती है।
पुतिन की प्रतिक्रिया पर निगाहें
हालांकि, रूस की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक मानते हैं कि पुतिन की प्रतिक्रिया ही यह तय करेगी कि यह शांति प्रस्ताव वास्तविक समाधान की दिशा में कदम होगा या एक और राजनीतिक चाल।
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संभावित शांति की उम्मीद या नई रणनीति?
जेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय में आया है जब यूरोप में युद्ध की थकान और मानवीय संकट गहराता जा रहा है। लाखों लोग अपने घर छोड़ चुके हैं और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा असर पड़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह पहल सफल होती है, तो यह पिछले दो वर्षों में शांति की दिशा में सबसे बड़ा कदम साबित हो सकता है।
फिलहाल, दुनिया की निगाहें अब मॉस्को पर टिकी हैं — क्या पुतिन मानेंगे? या यह शांति प्रस्ताव भी कूटनीतिक बयानों के शोर में खो जाएगा?
