ईरान पर हमले की खबरों पर ट्रंप ने तोड़ी चुप्पी:- अमेरिका और ईरान के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर संभावित सैन्य कार्रवाई को लेकर मीडिया में चल रही चर्चाओं को खारिज कर दिया है। खासतौर पर वॉल स्ट्रीट जर्नल की उस रिपोर्ट को ट्रंप ने सिरे से नकारा है, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने ईरान पर हमले की योजना को निजी तौर पर मंजूरी दे दी है।

ट्रंप ने Truth Social पर जवाब देते हुए कहा कि वॉल स्ट्रीट जर्नल को उनके विचारों की कोई जानकारी नहीं है—लोग बस अटकलें ही लगा रहे हैं।

ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा,
“मैंने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। हो सकता है मैं कुछ करूं, हो सकता है मैं क्या फैसला लूंगा, ये सिर्फ मैं जानता हूं — बाकी सब सिर्फ अंदाज़े हैं।”

क्या है WSJ की रिपोर्ट में?

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने अपने करीबी सहयोगियों से कहा था कि उन्होंने ईरान पर हमले के लिए सिद्धांततः हरी झंडी दे दी है। हालांकि, अंतिम निर्णय इस बात पर टिका है कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम रोकता है या नहीं।

“ट्रंप के मुताबिक, फिलहाल सब बातें सिर्फ कयास हैं, क्योंकि किसी ठोस निर्णय पर अभी मुहर नहीं लगी है।”

फोर्डो केंद्र पर टिप्पणी

जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या ईरान के खिलाफ इस्राइल की संभावित कार्रवाई से ईरानी शासन कमजोर होगा, तो उन्होंने जवाब दिया,
“बिलकुल संभव है, कुछ भी हो सकता है। हमारे पास फोर्डो जैसे परमाणु ठिकानों को तबाह करने की क्षमता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि मैं ऐसा करुंगा।”

विशेषज्ञों की मानें तो फोर्डो जैसे कड़े सुरक्षा वाले ठिकानों को निशाना बनाने के लिए इस्राइल को अमेरिका की सैन्य सहायता की जरूरत होगी।

ईरान की प्रतिक्रिया: ‘अमेरिकी दखल अपूरणीय क्षति देगा’

इस बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक रिकॉर्डेड भाषण में ट्रंप को चेताया है। उन्होंने कहा,
“अमेरिका को समझना चाहिए कि सैन्य हस्तक्षेप ईरान के लिए नहीं, बल्कि खुद अमेरिका के लिए अपूरणीय क्षति लेकर आएगा। ईरानी राष्ट्र कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगा।”

इस्राइल का दावा: ईरानी पुलिस मुख्यालय नष्ट किया

इस्राइली सेना (IDF) ने दावा किया है कि उसने हालिया बमबारी में ईरान के एक पुलिस मुख्यालय को नष्ट कर दिया है। इसके अलावा मिसाइल हमलों को विफल करने और उत्तर इस्राइल में ड्रोन को मार गिराने की बात भी कही गई है।

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने डोनाल्ड ट्रंप की सराहना करते हुए उन्हें देश का करीबी सहयोगी बताया। उन्होंने कहा कि इस्राइली सेना ईरान के परमाणु केंद्रों, मिसाइल ठिकानों और शासन की प्रमुख संरचनाओं को क्रमवार तरीके से निशाना बना रही है।

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उन्होंने ट्रंप के साथ निरंतर संपर्क में रहने की पुष्टि भी की।

निष्कर्ष

ईरान और इस्राइल के बीच लगातार तीखी होती टकराव की स्थिति में, ट्रंप का रुख बेहद निर्णायक हो सकता है। लेकिन फिलहाल उनके बयान केवल रहस्य और सस्पेंस से भरे हैं — जिससे एक ओर दुनिया चिंतित है तो दूसरी ओर आशंकित भी।

क्या वाकई अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करेगा? या ये सिर्फ रणनीतिक दबाव का हिस्सा है?
फिलहाल, ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कोई भी फैसला लेने की जल्दी में नहीं हैं — और शायद यही चीज मौजूदा हालात को और भी अस्थिर बना रही है।