VVIP Vehicles India: भारत में आमतौर पर कोई भी वाहन को रोड पर चलाने के लिए पहले नंबर प्लेट और आरटीओ से रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य होता है। लेकिन भारत में कुछ VVIP लोगो को वाहन नंबर प्लेट ऑफ़ RTO रजिस्ट्रेशन से छूट दी जाती है और। ये कुछ गाड़ियाँ बिना नंबर प्लेट के भी कानूनी रूप से रोड पर चल सकती हैं।

तो ऐसे कौन से वाहन हैं जिन्हें यह संवैधानिक रूप से विशेषाधिकार प्राप्त है?
भारत राष्ट्रपति और राज्यपाल की गाड़ियाँ होती हैं बिना नंबर प्लेट के
भारत के राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपालों की आधिकारिक गाड़ियों पर न तो सामान्य नंबर प्लेट होती है और न ही कोई रजिस्ट्रेशन नंबर। इन गाड़ियों की पहचान उनकी विशेष प्लेट से होती है, जिस पर सिर्फ अशोक स्तंभ (राष्ट्रीय प्रतीक) लगा होता है।
यह अशोक चिन्ह ही इन गाड़ियों की पहचान है। इस चिन्ह को देखकर ही यह समझा जाता है कि यह गाड़ी किस उच्च पदाधिकारी की है।
इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन RTO से नहीं होता
आम लोगो अपनी गाड़ियों के लिए मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत आरटीओ से रजिस्ट्रेशन कराना होता है। लेकिन राष्ट्रपति और राज्यपाल की गाड़ियाँ इस अधिनियम के दायरे में नहीं आतीं। इनका प्रबंधन और रजिस्ट्रेशन राष्ट्रपति भवन या राज्यपाल सचिवालय द्वारा आंतरिक स्तर पर किया जाता है।
इन वाहनों का कोई सार्वजनिक रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं होता और इनकी निगरानी सीधे संबंधित सरकारी कार्यालयों द्वारा की जाती है।
क्या इन गाड़ियों की कोई पहचान प्रणाली होती है?
हां, तकनीकी रूप से इन वाहनों के लिए एक आंतरिक पहचान प्रणाली होती है जो पूरी तरह से गोपनीय रखी जाती है। कुछ सुरक्षा कारणों से इन गाड़ियों की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती। यह प्रणाली सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों और संबंधित विभागों के पास होती है।
भारतीय सेना के वाहनों पर होता है तीर का निशान
भारतीय सेना के वाहनों की पहचान उनके खास नंबर फॉर्मेट और नंबर प्लेट पर बने तीर के निशान से की जाती है। इन वाहनों की नंबर प्लेट पर आमतौर पर एक तीर का निशान होता है जो ऊपर की ओर बना होता है, जिसे “broad arrow mark” कहा जाता है।

सेना के वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी आरटीओ द्वारा नहीं बल्कि रक्षा मंत्रालय के तहत एक अलग तरीके से होता है। उदाहरण के लिए जैसे, एक मिलिट्री वाहन की नंबर प्लेट कुछ इस तरह हो सकती है – “↑ 01A 12345”
ऐसा विशेष दर्जा क्यों दिया जाता है?
- सुरक्षा कारणों से – राष्ट्रपति, राज्यपाल या सैन्य वाहनों की जानकारी गोपनीय रखना जरूरी होता है।
- संवैधानिक गरिमा – ये वाहन भारत की सर्वोच्च संस्थाओं से जुड़े होते हैं, इसलिए इन्हें विशेष दर्जा मिलता है।
- प्रशासनिक नियंत्रण – इन वाहनों की निगरानी सीधे राष्ट्रपति भवन, राज्यपाल सचिवालय या रक्षा मंत्रालय के पास होती है।
क्या आम नागरिक बिना नंबर की गाड़ी चला सकते हैं?
बिल्कुल नहीं, आम नागरिकों के लिए मोटर वाहन अधिनियम के तहत नंबर प्लेट और आरटीओ रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। यदि कोई आम व्यक्ति बिना नंबर प्लेट की गाड़ी चलाता है, तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा और उस पर जुर्माना या कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
निष्कर्ष
भारत में बिना नंबर प्लेट गाड़ी के चलने की अनुमति सिर्फ कुछ विशेष और संवैधानिक पदों से जुड़े लोगो को ही दी गई है। राष्ट्रपति, राज्यपाल और भारतीय सेना के वाहन इसमें शामिल हैं। इन गाड़ियों की पहचान उनके प्रतीक चिन्ह या तीर के निशान से होती है और इन्हें आरटीओ से रजिस्टर्ड करने की आवश्यकता नहीं होती।
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