West Asia Tensions Flare Again:- पश्चिम एशिया में तनाव एक बार फिर गहराता नजर आ रहा है। मंगलवार सुबह जैसे ही ईरान और इस्राइल के बीच घोषित युद्धविराम लागू हुआ, कुछ ही घंटों बाद दोनों देशों के बीच फिर से मिसाइलों की आवाज गूंज उठी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए इस्राइल को कड़ी चेतावनी दी है:

“बम मत गिराओ। अपने पायलटों को वापस बुलाओ!”
ट्रंप ने जताई नाखुशी, इस्राइल को दी नसीहत
हेग में नाटो सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले ट्रंप ने पत्रकारों से बात करते हुए साफ कहा कि युद्धविराम का उल्लंघन दोनों पक्षों ने किया है। उनका कहना था:
“उन्होंने (ईरान ने) युद्धविराम तोड़ा, लेकिन इस्राइल ने भी वैसा ही किया। मैं इस्राइल से संतुष्ट नहीं हूं।”
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा:
“इस्राइल, बम मत गिराओ। यह बड़ा उल्लंघन होगा। अपने पायलटों को तुरंत घर वापस बुलाओ!”
क्या हुआ युद्धविराम के बाद?
मंगलवार सुबह इस्राइल ने आरोप लगाया कि ईरान ने उसके हवाई क्षेत्र में मिसाइलें दागीं। जवाब में इस्राइली वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई की। हालांकि, ईरान ने इन हमलों से इनकार किया।
इस बीच उत्तरी इस्राइल में धमाकों की आवाज और सायरन की गूंज लोगों को फिर डर की तरफ ले गई।
इस्राइली सेना का दावा है कि उसने दो ईरानी मिसाइलों को रास्ते में ही नष्ट कर दिया। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दोनों देशों के बीच युद्धविराम किस बिंदु पर विफल हुआ।
12 दिन की जंग के बाद आया था युद्धविराम
इस ताजा संकट से पहले, ईरान और इस्राइल के बीच बीते 12 दिनों से लगातार सैन्य संघर्ष चल रहा था। इस्राइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। उसका आरोप है कि ईरान गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार बना रहा है हालांकि, ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। इस दौरान अमेरिका ने भी इस्राइल का समर्थन करते हुए ईरानी परमाणु ठिकानों पर बंकर-बस्टर बम गिराए थे।
युद्धविराम की उम्मीदें और नई चुनौती
युद्धविराम की पहल ट्रंप की ओर से हुई थी, जब सोमवार को ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला किया। ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई थी। लेकिन ताजा हालात ने इस शांति प्रयास पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस्राइल के वित्त मंत्री बेत्सालेल स्मोटरिच का बयान:
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“तेहरान कांपेगा”
इससे यह स्पष्ट संकेत मिला है कि संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है।
निष्कर्ष
पश्चिम एशिया में स्थायी शांति की उम्मीदें अभी भी अधर में हैं। युद्धविराम की गंभीरता को दोनों पक्षों को समझना होगा, वरना यह क्षेत्र फिर से एक बड़े संघर्ष की ओर बढ़ सकता है।
ट्रंप की सार्वजनिक चेतावनी, भले ही कड़े शब्दों में हो, लेकिन इसका मकसद संघर्ष को रोकने की कोशिश है — सवाल यही है कि क्या दोनों पक्ष इसे गंभीरता से लेंगे?