नवम्बर 10 दिल्ली: में तीन दिन के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ आगाज़ इस सम्मेलन में विश्वविद्यालय (डीयू ) में गुरुवार को माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ द्वारा” नए भारत के निर्माण के लिए संरचना, सूचना एवं नवाचार ” विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया | कार्यक्रम में देश-विदेश से लगभग 5000 से अधिक प्रतिनिधि, शिक्षाविद, वैज्ञानिक , पुस्तकालय और सूचना विज्ञान से जुड़े विद्वान,आदि महत्वपूर्ण अनेक व्यक्ति शामिल हुए ।
विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम गांधी भवन, दिल्ली विश्वविद्यालय ,गांधी स्मृति दर्शन समिति, दिल्ली पुस्तकालय संघ और एस आर एफ एल आई एस द्वारा संयुक्त रूप से ऑर्गनाइज किया गया |
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा भारत के स्वतन्त्रता के बाद सूचना प्रोद्योगिकी, इंफास्ट्रक्चर के तीन टूल है ,जो नव भारत के सृजन में सहायक है। साथ ही तीव्र विकास, नूतन सोच एवम आत्म निर्भर भारत और आजादी का अमृत महोत्सव, स्वतंत्रा के अज्ञात नायकों को रेखांकित किया।
विशिष्ट अतिथि गांधी स्मृति दर्शन समिति के उपाध्यक्ष विजय गोयल ने आज के संदर्भ में शिक्षा और गांधी के महत्व को बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर योगेश सिंह ने अपने संबोधन में भारत के शिक्षा जगत में युनिवर्सिटी के महत्व के साथ सभी उपस्थित छात्रों से वचन लिया वह देश के सम्मान के विरुद्ध कोई अनुचित कार्य नही करेंगे।। ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी,गांधी भवन और दिल्ली लाइब्रेरी एसोसियेशन के अध्यक्ष प्रो के पी सिंह ने भारतीय ज्ञान प्रणाली, आत्मनिर्भर भारत में नवाचार की भूमिका, अनुसंधान की जरूरत, पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला का विस्तार, नए भारत के निर्माण एवम् नई शिक्षा नीति 2020 इत्यादि जैसे विभिन्न विषय पर अपने विचार रखे।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ विकास गुप्ता, रजिस्ट्रार, दिल्ली विश्वविद्यालय ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ ।