Ind vs NZ Final: नई दिल्ली। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 (Champions Trophy 2025) के फाइनल मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम ने न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर 12 साल बाद फिर से खिताब जीत दर्ज की। भारतीय क्रिकेट टीम की इस ऐतिहासिक जीत ने करोड़ों भारतीय क्रिकेट प्रेमियों का सपना साकार कर दिया।

इस पूरे टूर्नामेंट में टीम इंडिया के कई खिलाड़ियों ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन अगर किसी ने निर्णायक रूप से सबसे बड़ा प्रभाव डाला, तो वह पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर का लिया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय था। यह निर्णय था वरुण चक्रवर्ती (Varun Chakravarthy) को अंतिम समय में टीम में शामिल करना और फिर फाइनल मुकाबले में उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौका देना। वरुण ने अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया कि गंभीर का यह फैसला ‘तुरुप का पत्ता’ साबित हुआ।
फाइनल में वरुण चक्रवर्ती का जलवा
फाइनल मुकाबले में वरुण चक्रवर्ती ने जबरदस्त गेंदबाजी का प्रदर्शन किया और दो महत्वपूर्ण विकेट चटकाकर न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी को झकझोर दिया। उन्होंने न्यूजीलैंड के मध्यक्रम के दो खतरनाक बल्लेबाजों को पवेलियन भेजकर भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई।
गंभीर ने टूर्नामेंट शुरू होने से ठीक पहले अंतिम समय में वरुण को टीम में शामिल करने का निर्णय लिया था, जो भारत के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ। वरुण ने पूरे टूर्नामेंट में केवल तीन मैच खेले लेकिन अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा।
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नंबर-1 गेंदबाज बनने से चूके, लेकिन दिल जीत लिया
टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज मैट हेनरी (Matt Henry) ने सबसे अधिक 10 विकेट लिए और वह शीर्ष स्थान पर रहे, लेकिन वरुण ने केवल 3 मैचों में 9 विकेट चटकाकर दिखा दिया कि वह किसी से कम नहीं हैं। हेनरी ने पूरे टूर्नामेंट में 4 मैच खेले थे, जबकि वरुण ने उनसे एक मैच कम खेला। इसके बावजूद वह दूसरे सबसे सफल गेंदबाज बनकर उभरे।
वरुण ने 30 ओवरों में 9 विकेट चटकाए और उनकी शानदार इकॉनमी रेट ने भी भारतीय टीम को मजबूती दी। यही वजह रही कि गंभीर का निर्णय भारतीय टीम के लिए ‘मास्टरस्ट्रोक’ साबित हुआ और टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी को अपनी झोली में डाल लिया।
टीम इंडिया हुई मालामाल
भारत की इस जीत के साथ ही बीसीसीआई (BCCI) ने खिलाड़ियों पर इनामों की बारिश कर दी। चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद भारतीय टीम को भारी ईनाम राशि मिली और खिलाड़ियों को व्यक्तिगत रूप से भी पुरस्कृत किया गया।

इसके अलावा, भारतीय क्रिकेट में यह जीत एक ऐतिहासिक मोड़ की तरह आई है। इस ट्रॉफी के साथ ही टीम इंडिया ने 12 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया और विश्व क्रिकेट में अपनी बादशाहत को फिर से स्थापित किया।
गंभीर का मास्टरस्ट्रोक और कोहली-रोहित का अनुभव
इस टूर्नामेंट में विराट कोहली (Virat Kohli) और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने भी अपने अनुभव का शानदार प्रदर्शन किया। कोहली ने पूरे टूर्नामेंट में महत्वपूर्ण पारियां खेलीं, जबकि रोहित शर्मा ने फाइनल में शानदार बल्लेबाजी कर टीम को जीत की राह पर बनाए रखा।
कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने भी अपने स्पिन से न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को परेशान किया, लेकिन वरुण चक्रवर्ती का योगदान निर्णायक रहा। गौतम गंभीर के इस मास्टरस्ट्रोक ने भारत को खिताबी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
निष्कर्ष
भारत की यह जीत न सिर्फ खिलाड़ियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। इस खिताबी जीत के बाद भारतीय टीम की निगाहें अब आगामी टूर्नामेंट्स पर टिकी होंगी, जहां वे इसी लय को बरकरार रखने की कोशिश करेंगे।
गंभीर के ‘तुरुप के पत्ते’ ने दिखा दिया कि एक सही निर्णय कैसे पूरी टीम की तकदीर बदल सकता है। वरुण चक्रवर्ती ने अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया कि वह भारतीय टीम के लिए भविष्य में भी एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हो सकते हैं।
इस शानदार जीत के साथ, टीम इंडिया ने एक बार फिर दिखा दिया कि जब मौका आता है, तो वे कभी पीछे नहीं हटते।