गोवा शिरगांव भगदड़: श्री लैराई जात्रा के दौरान गोवा के शिरगांव ज्यादा भीड़ होने के वजह से अचानक मची भगदड़ की घटना ने पूरे राज्य को डराकर कर रख दिया है।

इस दर्दनाक हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 70 लोग घायल बताए जा रहे हैं। घटना के बाद अब गोवा सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के कई बड़े अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया है।
भगदड़ के बाद तेज़ हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। हादसे के 24 घंटे के भीतर ही सरकार ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए कलेक्टर, एसपी, डीएसपी और अन्य अधिकारियों को हटा दिया है।
किसका हुआ तबादला?
गोवा सरकार द्वारा स्थानांतरित किए गए अधिकारियों की सूची में शामिल हैं:
- जिला कलेक्टर: स्नेहा गिट्टे
- पुलिस अधीक्षक (उत्तर गोवा): अक्षत कौशल
- पुलिस उपाधीक्षक (बिचोलिम): जिवबा दलवी
- उप कलेक्टर (बिचोलिम): भीमनाथ खोरजुवेकर
- पुलिस निरीक्षक: दिनेश गडेकर
इन सभी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से अन्य पदस्थापना पर भेज दिया गया है।
गठित की गई जांच समिति
घटना की जांच के लिए राज्य राजस्व सचिव संदीप जैक्स की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय तथ्य-खोज समिति (Fact-Finding Committee) का गठन भी किया गया है। इस समिति में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वर्मा शर्मा, परिवहन निदेशक परिमल अभिषेक, और दक्षिण गोवा के एसपी टीकम सिंह वर्मा को सदस्य नियुक्त किया गया है। यह समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
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क्या है श्री लैराई जात्रा?
श्री लैराई देवी की जात्रा गोवा के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस साल अत्यधिक भीड़ और व्यवस्था की कमी के कारण भगदड़ मच गई, जिससे यह हादसा हुआ।
सरकार का रुख स्पष्ट: लापरवाही बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री सावंत ने साफ कहा है कि इस घटना में जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार की प्राथमिकता पीड़ितों को न्याय दिलाना और भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव के लिए सख्त कदम उठाना है।
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निष्कर्ष:
शिरगांव की यह घटना एक दर्दनाक चेतावनी है कि बड़े आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था कितनी अहम होती है। सरकार की त्वरित कार्रवाई यह दिखाती है कि किसी भी लापरवाही को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब सभी की निगाहें जांच समिति की रिपोर्ट और आगामी फैसलों पर टिकी हैं।