30 की उम्र के बाद क्यों बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा:- कुछ साल पहले तक हार्ट अटैक को एक उम्रदराज़ लोगों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। हाल ही में देश और दुनिया भर में कई ऐसी खबरें सामने आई हैं, जहां 28 से 35 वर्ष के युवा अचानक दिल का दौरा पड़ने से जान गंवा बैठे। यह एक खतरनाक संकेत है कि दिल की बीमारियां अब उम्र नहीं देखतीं।

30 की उम्र के बाद क्यों बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा

बड़ा सवाल यह है – ऐसा क्यों हो रहा है? 30 की उम्र के आसपास ही युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा तेजी से क्यों बढ़ रहा है? इसके पीछे कुछ गहरे और चौंकाने वाले कारण हैं, जिन पर ध्यान देना अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।

मानसिक तनाव और जीवनशैली का दबाव

30 की उम्र वह समय होता है जब व्यक्ति करियर, परिवार और आर्थिक स्थिरता के लिए सबसे अधिक संघर्ष करता है। यह उम्र प्रतिस्पर्धा और जिम्मेदारियों से भरी होती है। इस दौरान लगातार मानसिक तनाव, नींद की कमी और काम का प्रेशर शरीर पर गहरा असर डालते हैं।

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क्रॉनिक स्ट्रेस का असर सबसे पहले हृदय पर पड़ता है। जब लगातार तनाव बना रहता है, तो शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट असामान्य हो जाते हैं। यह स्थिति हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालती है और लंबे समय में हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।

खान-पान की आदतों में गिरावट

आज के युवा अक्सर जंक फूड, फास्ट फूड और हाई-फैट डाइट पर निर्भर हो चुके हैं। तली-भुनी चीजें, मीठे पेय पदार्थ और अत्यधिक प्रोसेस्ड खाना धीरे-धीरे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को घटाता है।

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अस्वस्थ खानपान न सिर्फ मोटापे को बढ़ाता है बल्कि यह धमनियों में प्लाक जमा करने लगता है, जिससे ब्लड फ्लो बाधित होता है और दिल के दौरे की आशंका बढ़ जाती है। खासकर जब यह आदतें नियमित जीवन का हिस्सा बन जाती हैं, तब खतरा और अधिक बढ़ जाता है।

फिजिकल एक्टिविटी की कमी

वर्क फ्रॉम होम और डिजिटल युग की वजह से युवाओं की दिनचर्या अब लगभग बैठकर काम करने वाली बन गई है। सुबह से शाम तक एक जगह बैठना, बिना ब्रेक लिए लगातार स्क्रीन पर काम करना, शरीर को निष्क्रिय बना देता है।

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नियमित व्यायाम न करने से न केवल वजन बढ़ता है बल्कि मेटाबॉलिज्म भी धीमा हो जाता है। यह स्थिति धीरे-धीरे ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को असंतुलित करती है – और यही तीनों हार्ट अटैक के प्रमुख कारण होते हैं।

धूम्रपान और शराब की आदत

धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन अब युवाओं में ट्रेंड बनता जा रहा है। कई लोग इसे स्ट्रेस कम करने या सोशल कारणों से करते हैं, लेकिन यह आदतें दिल के लिए सबसे खतरनाक मानी जाती हैं।

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सिगरेट में मौजूद निकोटीन रक्त धमनियों को संकुचित करता है और हृदय को कम ऑक्सीजन पहुंचती है। इसके अलावा, शराब का अत्यधिक सेवन हृदय की मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है, जिससे अचानक हृदयघात का खतरा पैदा हो जाता है।

हेल्थ चेकअप की अनदेखी

30 की उम्र तक पहुंचते ही हर व्यक्ति को वार्षिक हेल्थ चेकअप शुरू कर देना चाहिए, लेकिन अक्सर लोग लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं। सीने में हल्का दर्द, थकावट, या सांस लेने में परेशानी को मामूली समझकर टाल दिया जाता है।

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जब तक कोई बड़ी घटना न हो जाए, तब तक इलाज शुरू नहीं किया जाता। यह लापरवाही युवाओं में हार्ट अटैक की गंभीरता को बढ़ा देती है।

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क्या करना चाहिए?

– अपनी जीवनशैली में संतुलन लाएं
– दिन में कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें
– खाने में फल, सब्ज़ियां, ओमेगा-3 और फाइबर युक्त चीजें शामिल करें
– धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं
– मानसिक तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन और पर्याप्त नींद लें
– साल में एक बार हार्ट और ब्लड टेस्ट जरूर करवाएं

निष्कर्ष

30 की उम्र में हार्ट अटैक कोई संयोग नहीं है, यह हमारी बिगड़ती आदतों और अनदेखी का नतीजा है। यह समय है सचेत होने का, क्योंकि दिल का ख्याल रखना सिर्फ बुजुर्गों की ज़िम्मेदारी नहीं – यह हर युवा की प्राथमिकता होनी चाहिए।

समय रहते बदलाव लाकर न सिर्फ हार्ट अटैक से बचा जा सकता है, बल्कि एक लंबा और स्वस्थ जीवन भी जिया जा सकता है।