रेलवे आरक्षण में बड़ा बदलाव:- भारतीय रेलवे ने यात्रियों के अनुभव को बेहतर और पारदर्शी बनाने के लिए आरक्षण प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। अब टिकट बुकिंग से लेकर चार्ट बनने तक की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सुव्यवस्थित और तकनीक-समर्थ होगी।

चार्ट अब ट्रेन छूटने से 8 घंटे पहले

रेलवे बोर्ड ने प्रस्ताव रखा है कि ट्रेन के प्रस्थान से आठ घंटे पहले आरक्षण चार्ट तैयार किया जाएगा। इससे यात्रियों को वेटिंग लिस्ट की स्थिति का पता पहले ही चल जाएगा, जिससे वे अपनी यात्रा को लेकर बेहतर निर्णय ले सकेंगे।

उदाहरण के तौर पर, यदि कोई ट्रेन दोपहर 2 बजे रवाना होती है, तो उसका चार्ट पिछली रात 9 बजे तक ही तैयार हो जाएगा। इससे उन यात्रियों को लाभ होगा जो दूरदराज के क्षेत्रों या उपनगरीय इलाकों से लंबी दूरी की यात्रा करने वाले होते हैं। उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था के लिए भी पर्याप्त समय मिलेगा।

तत्काल टिकट अब सिर्फ वेरीफाइड यूज़र्स को

1 जुलाई 2025 से IRCTC वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर तत्काल टिकट बुक करने के नियम भी बदलेंगे। अब केवल सत्यापित (वेरीफाइड) उपयोगकर्ता ही ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक कर सकेंगे।

इस कदम से फर्जी बुकिंग, बॉट्स और एजेंट-आधारित ब्लॉकिंग जैसी समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। इससे असली यात्रियों को बेहतर मौका मिलेगा कि वे समय पर टिकट पा सकें।

नई आरक्षण प्रणाली: एक मिनट में 1.5 लाख बुकिंग

रेलवे बोर्ड ने बताया कि भारत में विकसित की जा रही नई पीआरएस (यात्री आरक्षण प्रणाली) पहले की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली होगी।

  • अब यह प्रणाली प्रति मिनट 1.5 लाख टिकटों की बुकिंग संभालने में सक्षम होगी, जबकि वर्तमान में यह संख्या करीब 32,000 है।
  • टिकट पूछताछ की क्षमता भी दस गुना बढ़कर 40 लाख प्रति मिनट तक पहुंच जाएगी।

नई प्रणाली की खास बातें

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में इन सुधारों की प्रगति की समीक्षा की और इस बात पर जोर दिया कि नई प्रणाली यात्री-केंद्रित होनी चाहिए – तेज, सुरक्षित, पारदर्शी और सरल।

नया पीआरएस न केवल तकनीकी रूप से अधिक सक्षम होगा, बल्कि इसमें यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई सुविधाएं जोड़ी जाएंगी:

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  • बहुभाषी इंटरफेस, जिससे विभिन्न राज्यों के यात्रियों को सुविधा होगी।
  • सीट चयन सुविधा, जिससे यात्री अपनी पसंद की सीट चुन सकेंगे।
  • किराया कैलेंडर, जिससे यात्रा की योजना बनाना आसान होगा।
  • विशेष श्रेणियों के लिए एकीकृत सेवाएं — जैसे दिव्यांगजन, छात्र और मरीजों के लिए।

दिसंबर 2025 तक पूरी तरह लागू होगी नई प्रणाली

यह नई प्रणाली भारतीय रेलवे की डिजिटल क्रांति का हिस्सा है, जिसे दिसंबर 2025 तक देशभर में पूरी तरह लागू करने की योजना है। इसे रेलवे की तकनीकी शाखा CRIS (Centre for Railway Information Systems) द्वारा विकसित किया जा रहा है