BJP को जल्द मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष:- भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब संगठन के स्तर पर एक अहम मोड़ पर है। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से जिस चर्चा ने ज़ोर पकड़ा था—वह अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। पार्टी जल्द ही अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, लगभग सभी राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति पूरी हो चुकी है, जिससे अब राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व परिवर्तन की राह साफ हो गई है।

जेपी नड्डा के बाद कौन?

वर्तमान अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल आधिकारिक रूप से जनवरी 2023 में समाप्त हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनावों की तैयारियों को देखते हुए पार्टी ने इसे जून 2024 तक बढ़ा दिया था। चुनाव समाप्त हो चुके हैं और अब नेतृत्व परिवर्तन पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

कई बड़े नाम रेस में

भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कई वरिष्ठ नेताओं के नाम पर विचार किया जा रहा है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और धर्मेंद्र प्रधान प्रमुख हैं। साथ ही, पार्टी के संगठनात्मक चेहरे सुनील बंसल और विनोद तावड़े भी इस दौड़ में हैं।

पार्टी नेतृत्व के लिए किसी को चुनते समय संगठनात्मक अनुभव, क्षेत्रीय संतुलन, और सामाजिक समीकरण जैसे कारकों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भाजपा का मानना है कि नया अध्यक्ष वह हो, जो न केवल संगठन को मज़बूत बनाए बल्कि 2029 की रणनीति की नींव भी रख सके।

संगठनात्मक प्रक्रिया पूरी, अब बारी शीर्ष नेतृत्व की

भाजपा ने अब तक 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है। यह प्रक्रिया दरअसल पार्टी के आंतरिक संविधान के अनुसार संगठनात्मक चुनाव का हिस्सा है। मंडल और जिला स्तर के चुनाव पूरे होने के बाद जब आधे से अधिक राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष तय हो जाते हैं, तब ही राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है—और अब पार्टी उस मुकाम पर पहुंच चुकी है।

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केंद्रीय चुनाव समिति पर भी चर्चा

सूत्र बताते हैं कि पार्टी जल्द ही एक केंद्रीय चुनाव समिति का गठन कर सकती है, जो अध्यक्ष पद की पूरी प्रक्रिया—नामांकन से लेकर ज़रूरत पड़ने पर मतदान तक—की निगरानी करेगी। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि चयन प्रक्रिया पारदर्शी हो और संगठन की दीर्घकालिक रणनीति के अनुरूप हो।

क्या यह बदलाव BJP की नई दिशा तय करेगा?

यह स्पष्ट है कि भाजपा इस बार किसी “फेस” से ज्यादा एक ऐसे नेतृत्व की तलाश में है, जो संगठन को अगले चुनावी चक्र के लिए तैयार कर सके। साथ ही, अलग-अलग सामाजिक वर्गों और भौगोलिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व भी इस चयन में बड़ी भूमिका निभा सकता है।