म्यांमार में भूकंप से तबाही: म्यांमार और थाईलैंड इन दो देशो में शुक्रवार को धरती कांप उठी। 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप ने इन देशों में तबाही का ऐसा मंजर छोड़ा, जिसे देख हर किसी की रूह कांप जाए। सिर्फ म्यांमार देश में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2000 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। वहीं, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी भूकंप का तेज असर महसूस किया गया, जहां कम से कम 10 लोग अपनी जान दांव पर लगा बैठे।

म्यांमार में भूकंप से तबाही

तबाही का मंजर: ढही इमारतें, टूटा 91 साल पुराना पुल

भूकंप का केंद्र म्यांमार के सैगाइंग शहर के पास जमीन से लगभग 10 किलोमीटर नीचे था। झटके इतने जबरदस्त थे कि इरावड़ी नदी पर बना 91 साल पुराना ‘आवा ब्रिज’ भी गिर गया, जो ब्रिटिश दौर में बनाया गया था। राजधानी नेपिटॉ और मांडले शहर में कई ऊंची इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं। सैकड़ों घरों में दरारें आ चुकी हैं, जिससे लोग अपने ही घरों में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

बचाव कार्य में जुटी टीमें, इंटरनेट सेवा बंद

सरकारी प्रसारक एमआरटीवी ने बताया कि म्यांमार में स्थिति बेहद गंभीर है। कई अस्पतालों में मरीजों का तांता लगा हुआ है, जबकि बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए सेना और राहत एजेंसियां जुट गई हैं। स्थिति को देखते हुए सरकार ने इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं, जिससे हुए नुकसान का सटीक आकलन भी नहीं हो पा रहा है।

म्यांमार में भूकंप से तबाही

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बैंकॉक में 30 मंजिला इमारत गिरी, मलबे में फंसे लोग

इतने तेज भूकंप का असर म्यांमार से करीब 900 किलोमीटर दूर बैंकॉक तक भी महसूस किया गया। बैंकॉक में एक 30 मंजिला इमारत देखते ही देखते मलबे में तब्दील हो गई, जिसमें लगभग 43 श्रमिक फसने पुष्टि की जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो इस विनाशकारी मंजर को बयां कर रहे हैं।

म्यांमार में भूकंप से तबाही

भारत समेत कई देश मदद को आगे आए

इस त्रासदी में म्यांमार देश ने अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार लगाई है, जिस पर भारत ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवेदना व्यक्त करते हुए हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। शनिवार को भारत की ओर से म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी जा रही है, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, जनरेटर सेट, कंबल, खाना, वाटर प्यूरीफायर, सोलर लैंप और दवाइयां शामिल हैं।

चीन और अमेरिका ने भी म्यांमार को हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि वह बचाव और राहत कार्यों में पूरी मदद करेगा।

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म्यांमार में इमरजेंसी लागू

म्यांमार के जुंटा प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने देश अपने देश में इमरजेंसी लागू कर दी है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय देशों से अपील की है कि वे इस मुश्किल वक्त में म्यांमार की सहायता करें।

म्यांमार में भूकंप से तबाही

भारतीय दूतावास ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

थाईलैंड और म्यांमार में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर +66 618819218 जारी किया है, जिससे भारतीय नागरिक आपातकालीन स्थिति में संपर्क कर सकते हैं।

निष्कर्ष

म्यांमार और थाईलैंड में आई यह प्राकृतिक आपदा न सिर्फ वहां रह रहे लोगो के लिए है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए ये आपदा एक बड़ी चुनौती है। यह बुरा वक्त है जब सभी देशों को मिलकर इस संकट का सामना करने में मदद करनी चाहिए। भारत समेत कई देशों ने मदद का हाथ बढ़ाया है, जो इंसानियत की एक मिसाल है।

हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही हालात सामान्य होंगे और प्रभावित लोग इस दुखद घड़ी से उबर पाएंगे।


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