इटावा कथा विवाद: हाल ही में उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक मामला हुआ था जहाँ भागवत कथा के दौरान उठे जातीय विवाद ने अब एक नया रूप ले लिया था। एक आयोजन में कथा सुनाने आए कथावाचकों पर जातिगत उत्पीड़न का आरोप लगा था, वहीं अब उन्हीं कथावाचकों पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज किया गया है।

इस पूरे गंभीर मामले को लेकर न सिर्फ पुलिस-प्रशासन हरकत में आई है, बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक ने सख्ती दिखाई है।
कथावाचक मुकुट मणि समते उनके साथी पर FIR दर्ज
कानपुर का रहने वाला कथावाचक मुकुट मणि और उनके सहयोगी संत सिंह यादव के खिलाफ अब इटावा के थाना बकेवर में एफआईआर दर्ज की गई है। यह मुकदमा दादरपुर गांव के जयप्रकाश तिवारी की शिकायत पर दर्ज किया गया है।
दर्ज हुई एफआईआर में कथावाचकों पर अपनी जाति छुपाने, धार्मिक भावनाएं भड़काने और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कार्यक्रम आयोजित करने का आरोप है।
पुलिस ने IPC की निम्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है:
धारा 299, 318(4), 319(2), 336(3), 338 और 340(2)
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22 जून को हुआ था विवाद, ब्राह्मणों पर लगाया जुल्म का आरोप
दरअसल आपको बता दें मामला 22 जून का है, जब इटावा के दादरपुर गांव में कथावाचक मुकुट मणि उनके सहयोगी संत एक आयोजन में कथा सुनाने पहुंचे थे। मुकुट मणि कथावाचक का आरोप है कि गांव के कुछ ब्राह्मणों ने उनकी जाति पूछी और यादव समुदाय से बताने पर अमानवीय व्यवहार किया गया।
आपको बता दें कथित रूप से:
- कथा सुनने पहुंचे कथावाचकों की चोटी काट दी गई
- सिर मुंडवा दिया गया
- एक महिला के पेरों में नाक रगड़वाई गई
- साजो-सामान तोड़ डाले गए
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दो आधार कार्ड, एक पहचान पर दो नाम
इस विवाद के बाद जांच करने पर यह सामने आया कि कथावाचक मुकुट मणि के पास दो आधार कार्ड मिलें हैं।
एक में उनका नाम मुकुट मणि अग्निहोत्री मिला है, और दूसरे में मुकुट मणि यादव लिखा मिला है।
दोनों आधार कार्ड में पता और फोटो एक ही है, जिससे उनकी वास्तविक पहचान पर सवाल उठ रहे हैं।
पीड़ितों की FIR से लेकर और अब तक की गिरफ्तारी
कथावाचक मुकुट मणि और उनके सभी सहयोगी संत 23 जून को समाजवादी पार्टी के सांसद जितेंद्र दोहरे के साथ SSP बृजेश श्रीवास्तव से मुलाकात की। इसके बाद चार नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
पुलिस अब तक इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी मामले में हस्तक्षेप करते हुए 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है।
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अखिलेश यादव का सहयोग, सरकार पर तीखा प्रहार
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले को जातीय भेदभाव और सत्ता के दुरुपयोग करार देते हुए कथावाचकों को लखनऊ बुलाया। वहीँ उन्हें अखिलेश यादव द्वारा ढोलक, हारमोनियम और 21-21 हजार रुपये दिए गए। साथ ही 51-51 हजार रुपये देने का वादा भी किया गया।
अखिलेश यादव ने कहा,
“अगर कथा सिर्फ वर्चस्ववादी लोग ही कर सकते हैं तो कानून बना दो।
पिछड़ों के दान, सेवा और श्रद्धा को अगर अपवित्र मानते हो, तो साफ कहो।”
दूसरी और ब्राह्मण महासभा का पलटवार
ब्राह्मण महासभा के लोगो ने भी इस मामले में कथावाचकों पर धार्मिक भावना भड़काने, पहचान छिपाने और महिलाओं से अभद्रता के गंभीर आरोप लगाए हैं। ब्राह्मण महासभा के लोगो ने चेतावनी दी है कि अगर कथावाचकों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो वह आंदोलन कर्नेगे।
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योगी आदित्यनाथ की SSP को फटकार
मामले की गंभीरता को देखते हुए उतरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इटावा के SSP को कड़ी फटकार लगाई है।
उन्होंने साफ कहा कि कुछ तत्व उत्तर प्रदेश में जातीय तनाव को जन्म दे रहें हैं, लेकिन पुलिस ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने में पूरी तरह से नाकाम दिखती नज़र आ रही है।
योगी ने औरैया और कौशांबी जिलों के पुलिस अधिकारियों को भी चेताया है कि यदि ऐसी घटनाएं फिर हुईं, तो सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
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