Waqf Act 2025: केंद्र में बैठी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में साफ कहा है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पूरी तरह से संवैधानिक है और इस पर पूर्ण रोक नहीं लगाई जा सकती। केंद्र सरकार का कहना है कि संसद द्वारा पारित किसी भी कानून को वैध मानने की संवैधानिक धारणा लागू होती है, जब तक कि कोर्ट उसे असंवैधानिक न ठहराए।

Waqf Act 2025
Waqf Act 2025

यह बयान उस दिया गया जब सुप्रीम कोर्ट में इस कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई लगातार चल रही है। सरकार ने शुक्रवार के दिन 1,300 से ज्यादा पेजों के जवाबी हलफनामे में इस कानून का जोरदार बचाव किया।

क्या है पूरा मामला?

17 अप्रैल को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यकीन दिलाया था कि वह 5 मई तक वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित नहीं करेगा और ना ही केंद्रीय वक्फ परिषद या राज्य वक्फ बोर्डों में किसी तरह की नई नियुक्ति करेगा। इसके बाद अब इस मामले में अगली सुनवाई 5 मई को होने जा रही है, जहां चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ अंतरिम आदेश पर विचार करेगी।

Waqf Act 2025 पर केंद्र सरकार ने क्या कहा?

हलफनामे में केंद्र का कहना है कि—

“वक्फ अधिनियम, 2025 संसद के विधायी अधिकारों का सही उपयोग है। यह कानून धार्मिक संस्थाओं का और भी बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है। इसका उद्देश्य समाज और आस्था रखने वाले लोगों का भरोसा बनाए रखना है।”

यह भी पढ़ें: Nishikant Dubey Controversy: CJI पर टिप्पणी को लेकर मचा बवाल, सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते करेगा सुनवाई

सरकार ने यह भी कहा कि—

“मुगल काल से लेकर स्वतंत्रता के बाद तक भारत में कुल 18.29 लाख एकड़ भूमि पर वक्फ संपत्तियां थीं। लेकिन 2013 के बाद इनकी संख्या में 20 लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हो गई, जो कि चिंताजनक है।”

क्यों उठे सवाल?

वक्फ कानून में हुए हालिया संशोधन को लेकर कुछ याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनका तर्क है कि यह संशोधन धार्मिक स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इसे सिरे से नकारते हुए कहा है कि यह कानून व्यापक शोध और संसदीय समिति की सिफारिशों पर आधारित है, जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि वोट शामिल थे।

‘कानून पर रोक नहीं, संवैधानिक समीक्षा हो सकती है’ — केंद्र

केंद्र सरकार का स्पष्ट रुख है कि सुप्रीम कोर्ट कानून की संवैधानिकता की समीक्षा जरूर कर सकती है, लेकिन जब तक अंतिम निर्णय न आ जाए, तब तक इस कानून पर पूर्ण या आंशिक रोक लगाना उचित नहीं होगा। सरकार ने कहा:

“इस तरह की रोक से केवल भ्रम की स्थिति पैदा होती है और यदि याचिकाएं खारिज होती हैं तो पहले से हुई रोक से नुकसान भी हो सकता है।”

यह भी पढ़ें: “जल्दबाज़ी में जंगल उजाड़ डाला! सुप्रीम कोर्ट की तेलंगाना सरकार को दो टूक – पेड़ भी इंसाफ़ मांग रहे हैं!”

केंद्र सरकार ने यह साफ कह दिया है कि वक्फ संशोधन कानून धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं लाया गया है, बल्कि बेहतर तरीके प्रबंधन का प्रयास है। अब सबकी लोगो की आने वाली निगाहें 5 मई की तारीख की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि इस पर आगे क्या रुख अपनाया जाए।


यदि आप Breaking News In HindiLatest News, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ना चाहते हैं, तो उनकी आधिकारिक वेबसाइट JKS TV NEWS पर जाएँ: