हमारी थाली ही सबसे पहली दवा है
हर रोज़ क्या खाएं ताकि बीमार न पड़ें:- तेज़ होती ज़िंदगी, भाग-दौड़ भरी दिनचर्या और बढ़ता तनाव — ये सब मिलकर आज हमारी सेहत के सबसे बड़े दुश्मन बन चुके हैं। हर कोई चाहता है कि वह कम से कम बीमार पड़े, लेकिन इस चाहत को हकीकत में बदलना हमारी रोज़मर्रा की खाने-पीने की आदतों पर निर्भर करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो थाली से शुरू होने वाला बदलाव ही हमें लंबे समय तक स्वस्थ रख सकता है। चलिए जानते है अपने शरीर को केसे स्वस्थ रखे की हमारा शारीर बीमार ही न पड़े और बीमार न पड़ने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है खान पान पर ध्यान देना |

सुबह की शुरुआत सही हो तो दिन भर शरीर साथ देगा
एक स्वस्थ दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से करना न सिर्फ पाचन को दुरुस्त करता है बल्कि शरीर को अंदर से साफ करने का काम भी करता है। इसके बाद जब नाश्ते की बात आती है तो ओट्स, उबला अंडा, अंकुरित अनाज, मौसमी फल या भीगे हुए बादाम-अखरोट जैसे फूड्स लेने की सलाह दी जाती है। ये नाश्ता न सिर्फ हल्का होता है बल्कि दिनभर के लिए जरूरी ऊर्जा भी प्रदान करता है। तो इसलिए इसे नाश्ते को चुने जो आपके शारीर मैं जाकर आपको फायेदा पहुचाएं न की नुक्सान
दोपहर का खाना: संतुलन और सादगी जरूरी
लंच वह समय होता है जब शरीर को सबसे ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है सुबह के नाश्ते के बाद हमारे शारीर मैं धीरे धीरे उर्जा ख़त्म होने लगती है इसलिए दोहपर तक हमारे शर्रीर मैं उर्जा की मांग अधिक हो जाती है । ऐसे में थाली का हर हिस्सा शरीर के एक अहम ज़रूरत को पूरा करता हुआ होना चहिये अगर ऐसे मैं आप नुक्सान से भरी चीजों का पालन करते है तो आपको अधिक नुक्साम हो सकता है |

आधी थाली में सब्ज़ियां, एक चौथाई में दाल या पनीर जैसे प्रोटीन, और एक चौथाई में रोटी या ब्राउन राइस जैसे कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए। देसी घी की कुछ बूंदें और एक कटोरी दही या छाछ पाचन को और भी दुरुस्त बना देती हैं। एसा नाश्ता शरीरमैं केलोरिज़ ,प्रोटीन ,उर्जा प्रदान करते है
शाम का नाश्ता: तले-भुने की जगह हेल्दी विकल्प
अक्सर देखा गया है कि लोग शाम को भूख लगते ही समोसे, पकौड़े या चिप्स की ओर झुक जाते हैं। लेकिन यही आदतें धीरे-धीरे मोटापा और बीमारियों का कारण बनती हैं। इसलिए शाम के समय भुना हुआ मखाना, चना, कोई फल या ग्रीन टी जैसे विकल्प ज़्यादा बेहतर रहते हैं। ये हल्के होते हैं, पेट को भरते हैं और शरीर को सुस्त नहीं करते।
रात का खाना: हल्का और समय पर हो तो बेहतर
रात का खाना हमेशा जल्दी खाना चाहिए और रात का खाना हल्का भी होना चाहिए। आदर्श रूप से सोने से दो घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए ताकि पाचन क्रिया को पूरा समय मिल सके। खिचड़ी, सब्ज़ी-दाल और 1-2 रोटी जैसे विकल्प रात के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। चावल का सेवन किया जा सकता है लेकिन सीमित मात्रा में। खाने के बाद थोड़ी देर टहलना भी बेहद फायदेमंद होता है।

पानी और हाइड्रेशन: सेहत की सबसे अनदेखी पर ज़रूरी जरूरत
बहुत से लोग खाना तो सही खाते हैं लेकिन पानी पीने को गंभीरता से नहीं लेते। शरीर में पानी की सही मात्रा इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखती है और विषैले तत्वों को बाहर निकालती है। गुनगुना पानी, नारियल पानी और हर्बल टी जैसे विकल्प शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं। पानी दिनभर थोड़ा-थोड़ा करके पिएं, जिससे शरीर लगातार हाइड्रेटेड बना रहे।
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किन चीज़ों से करें परहेज़?
तला-भुना खाना, प्रोसेस्ड फूड्स, डिब्बाबंद स्नैक्स, मीठे पेय और सोडा शरीर के लिए धीमा ज़हर हैं। इनके ज़रूरत से ज़्यादा सेवन से मोटापा, शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां चुपचाप पनपती हैं। साथ ही, ज़्यादा नमक और चीनी भी धीरे-धीरे शरीर को कमज़ोर कर देती है। कोशिश करें कि ऐसी चीज़ें कभी-कभार ही खाएं।
देसी सुपरफूड्स को दें जगह
हल्दी, अदरक, लहसुन, आंवला और तुलसी जैसे देसी सुपरफूड्स हमारे किचन में मौजूद ऐसे रत्न हैं, जिनसे इम्यूनिटी प्राकृतिक रूप से मजबूत होती है। इनका नियमित सेवन न केवल सर्दी-जुकाम से बचाता है, बल्कि शरीर को अंदर से मज़बूत भी बनाता है। आधुनिक सप्लिमेंट्स की जगह ये आयुर्वेदिक विकल्प कहीं ज़्यादा असरदार हैं।
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निष्कर्ष
रोज़ सही और संतुलित आहार लेना किसी दवा से कम नहीं है। यह न केवल बीमारियों से बचाता है बल्कि मानसिक स्थिति को भी स्थिर बनाता है। जब आप अपनी थाली में रंग-बिरंगे, ताज़े और पौष्टिक खाद्य पदार्थों को जगह देते हैं, तो शरीर आपको उसी तरह से जवाब देता है—सेहत, ऊर्जा और खुशहाली के साथ। इसलिए अगली बार खाना खाने से पहले सोचिए