मोदी की नई सुरक्षा टीम तैयार: पहलगाम हुए हमले के कारण भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसी स्तिथि को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की सुरक्षा नीति को और भी मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल बुधवार को पीएम मोदी ने लगातार पांच उच्च स्तरीय बैठकें कीं और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड (NSAB) में अहम बदलाव भी किए। इस बदलाव के तहत सात ऐसे बड़े विशेषज्ञों को शामिल किया गया है, जो युद्ध रणनीति, खुफिया जानकारी और राष्ट्रीय सुरक्षा में पूरी तरह से निपुण हैं।

अब NSAB की कमान ऐसे मजबूत और तेज तर्रार योद्धाओं के हाथ में है, जो मछली की आंख की तरह पाकिस्तान की कमजोरियों को अपना निशाना बना सकते हैं। सेना, नेवी, एयरफोर्स और खुफिया एजेंसियों के ये अधिकारी भारत की सुरक्षा नीति को नए आयाम देने जा रहे हैं।
आर. आलोक जोशी – पाकिस्तान की नस-नस से वाक़िफ़
पूर्व आईपीएस अधिकारी और RAW के चीफ रह चुके आर. आलोक जोशी को NSAB में अहम जिम्मेदारी सोंपी दी गई है। वे 2012 से 2014 तक भारत की खुफिया एजेंसी RAW के प्रमुख रह चुके हैं। पाकिस्तान की सेना, ISI और आतंकवादी नेटवर्क के हर इरादों से वे अच्छी तरह वाकिफ हैं। उनका यह अनुभव अब भारत की सुरक्षा रणनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
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डी. बी. वेंकटेश वर्मा – परमाणु नीति और रणनीतिक वार्ता के माहिर
पूर्व IFS अधिकारी डी. बी. वेंकटेश वर्मा रूस, जिनेवा और स्पेन में भारत के राजदूत रह चुके हैं। वे एटॉमिक नॉन-प्रोलिफरेशन और साउथ एशिया सिक्योरिटी मामलों के विशेषज्ञ हैं। पाकिस्तान जब परमाणु हमला करने की गीदड़ भभकी देता है, ऐसे में उनकी भूमिका बेहद ही अहम हो जाती है।
एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा – आसमान के बेताज बादशाह
भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा ने वेस्टर्न एयर कमांड की कमान संभाली है। उनके पास 4,500 घंटे से अधिक की उड़ान का एक अच्छा अनुभव है और वे अनुभवी फाइटर पायलट भी हैं। पाकिस्तान की वायु सेना पर हर चाल पर उनकी पैनी नजर रहती है।
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लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह – सीमाओं के सच्चे सेनापति
इंडियन आर्मी के पूर्व अधिकारी ले. जनरल ए. के. सिंह साउदर्न कमांड के GOC-in-C रह चुके हैं। जम्मू-कश्मीर से लेकर पश्चिमी सीमा तक उनकी हर तरह मजबूत रणनीतियों ने पाकिस्तान को हमेशा एक उलझन में डाला है। अब NSAB में उनकी मौजूदगी भारत की सैन्य रणनीति को और भी ज्यादा मजबूत बना देगी।
रियर एडमिरल मोंटी खन्ना – समंदर में शिकारी
भारतीय नौसेना के वरिष्ठ और एक अनुभवी अधिकारी रियर एडमिरल मोंटी खन्ना नेवी वॉर कॉलेज के कमांडेंट रह चुके हैं। उन्होंने समुद्री सुरक्षा के मामलों में अपनी गहरी रणनीति समझ तैयार की है। अरब सागर हो या हिंद महासागर पाकिस्तान की किसी भी हरकत पर इनकी रणनीति भारी पड़ेगी।
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राजीव रंजन वर्मा – आंतरिक सुरक्षा के मजबूत प्रहरी
1990 बैच के मजबूत अनुभवी IPS अधिकारी राजीव रंजन वर्मा उत्तर प्रदेश पुलिस में DG के पद पर रह चुके हैं। आंतरिक सुरक्षा हो, कानून व्यवस्था हो, या फिर रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा हो उनका अनुभव बेहद व्यापक और शानदार है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी गतिविधियों के खिलाफ इनकी रणनीति भारत को भीतर से मजबूत बनाएगी।
मनमोहन सिंह – राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के रणनीतिकार
पूर्व IPS अधिकारी मनमोहन सिंह ने देश के विभिन्न राज्यों में सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाई है। NSAB में उनका योगदान मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा नीति, रणनीतिक योजना और खुफिया सलाह के रूप में होगा। इनका अनुभव NSAB की दिशा को और अधिक प्रभावशाली बना देगा।
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निष्कर्ष:
अब NSAB की जिम्मेदारी ऐसे सात महारथियों के हाथों में है जो केवल रणनीति नहीं बनाते, बल्कि उसे जमीनी हकीकत में उतारना भी जानते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कदम साफ संकेत देता है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं देगा, बल्कि proactively अपने दुश्मनों की नींव तक हिलाने की तैयारी में है।
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