शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी फाइटर पायलट और परीक्षण उड़ान विशेषज्ञ हैं। उन्हें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चयनित चार अंतरिक्षयात्रियों में शामिल किया गया था। अब वह अमेरिका और भारत की संयुक्त पहल Axiom Mission 4 का हिस्सा बनकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने जा रहे हैं।

Axiom-4 मिशन की विशेषताएं
25 जून 2025 को दोपहर 2:31 बजे (भारतीय समयानुसार), फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से Axiom-4 अंतरिक्ष अभियान की शुरुआत हुई, जिसमें कुल चार अंतरिक्षयात्रियों की टीम शामिल थी, जिनमें से एक भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे भारत से शुभांशु शुक्ला भी हैं। यह मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सहयोग से संचालित हो रहा है। शुभांशु इस ऐतिहासिक अभियान में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतरिक्ष में भारत का ध्वज फहराएंगे।

अंतरिक्ष में भूमिका
इस मिशन में शुभांशु शुक्ला पायलट की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वह अंतरराष्ट्रीय दल के साथ दो सप्ताह तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे और वैज्ञानिक प्रयोगों में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। वर्ष 1984 में राकेश शर्मा के बाद शुभांशु ऐसे दूसरे भारतीय होंगे जो अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे।

व्यक्तिगत पृष्ठभूमि
शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं। उनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने फ्लाइट साइंस और एविएशन में विशेषज्ञता प्राप्त की। वायुसेना में करियर की शुरुआत जून 2006 में फाइटर पायलट के रूप में की। वर्तमान में वह ग्रुप कैप्टन के पद पर हैं।

उड़ान अनुभव और योगदान
शुभांशु को लगभग 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने सुखोई-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और एएन-32 जैसे कई प्रमुख लड़ाकू और प्रशिक्षण विमानों को उड़ाया है। उन्होंने न केवल वायुसेना की विभिन्न यूनिट्स में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं, बल्कि बतौर परीक्षण पायलट भी देश के रक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।

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गगनयान मिशन की तैयारी
2019 में उन्हें गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री के रूप में चयनित किया गया। इसके तहत उन्होंने 2021 में रूस के गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में विशेष प्रशिक्षण लिया। इसके बाद बाद में उन्होंने इसरो के बेंगलुरु स्थित प्रशिक्षण केंद्र में गगनयान मिशन से जुड़ी विभिन्न तकनीकी और शारीरिक परीक्षाओं में हिस्सा लिया। इसके कुछ समय बाद, 27 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से शुभांशु शुक्ला को गगनयान मिशन के लिए भारत के आधिकारिक अंतरिक्ष यात्री के रूप में नामित किया। अगस्त 2024 में उनका चयन Axiom-4 मिशन के लिए हुआ और जनवरी 2025 में उन्हें अंतिम क्रू मेंबर के रूप में शामिल किया गया।

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जीवनशैली और व्यक्तित्व
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का जीवन बेहद अनुशासित और सादा है। वह फिटनेस, मानसिक संतुलन और योग को अपनी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा मानते हैं। एक वायुसेना अधिकारी के रूप में उन्होंने हमेशा अनुशासन, निरंतर अध्ययन और तकनीकी उन्नयन को प्राथमिकता दी है।

निष्कर्ष
शुभांशु शुक्ला केवल एक कुशल वायुसेना अधिकारी ही नहीं हैं, बल्कि उनकी यह अंतरिक्ष यात्रा भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रही है। Axiom-4 मिशन में उनकी मौजूदगी भारतीय विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र के लिए अत्यंत सम्मानजनक उपलब्धि मानी जा रही है। उनकी इस ऐतिहासिक उड़ान के साथ ही भारत ने वैश्विक अंतरिक्ष अभियानों में अपनी भूमिका और मजबूत की है।