केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक:- नई दिल्ली। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक के मुख्य बिंदुओं में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर एक प्रस्ताव पारित करना, आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना, पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को स्वीकृति, और झरिया कोल फील्ड के लिए संशोधित मास्टर प्लान को हरी झंडी देना शामिल है।

आपातकाल पर कैबिनेट का प्रस्ताव

कैबिनेट ने 1975 में लगाए गए आपातकाल को लोकतंत्र पर एक गंभीर आघात बताते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में आपातकाल के विरोध में संघर्ष करने वाले नागरिकों के साहस और बलिदान को श्रद्धांजलि दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने उन नागरिकों को याद किया जिन्होंने संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में योगदान दिया। प्रस्ताव में विशेष रूप से युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों को लोकतंत्र सेनानियों से प्रेरणा लेने की बात कही गई।

पुणे मेट्रो फेज-2 को मिली मंजूरी

कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को स्वीकृति दी है। यह चरण दो एलिवेटेड कॉरिडोर पर आधारित है — कॉरिडोर 2A (वनज से चांदनी चौक) और कॉरिडोर 2B (रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी)। कुल 12.75 किलोमीटर लंबे इस विस्तार में 13 नए स्टेशन बनेंगे, जो शहर के तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रों जैसे बावधन, कोथरुड और खराडी को जोड़ेंगे। परियोजना को चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

झरिया कोल फील्ड के लिए संशोधित मास्टर प्लान

कैबिनेट ने झारखंड के धनबाद जिले में स्थित झरिया कोल फील्ड की भूमिगत आग और विस्थापन की समस्या से निपटने के लिए 5,940.47 करोड़ रुपये की संशोधित योजना को मंजूरी दी है। यह मास्टर प्लान झरिया क्षेत्र में रह रहे परिवारों के पुनर्वास और आजीविका सृजन पर केंद्रित रहेगा। इसमें कौशल विकास और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों को लागू किया जाएगा। इससे पहले 2009 में स्वीकृत मास्टर प्लान वर्ष 2021 में समाप्त हो गया था।

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आगरा में बनेगा अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के सिंगना क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा 111.5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसका उद्देश्य आलू व शकरकंद जैसी फसलों की उत्पादकता बढ़ाना, कटाई के बाद प्रबंधन सुधारना, और किसानों की आय में वृद्धि करना है। यह केंद्र अनुसंधान, बीज उत्पादन, कीट प्रबंधन, और किसान प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों पर कार्य करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के लिए 10 एकड़ भूमि पहले ही आवंटित कर दी है।

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निष्कर्ष

केंद्रीय मंत्रिमंडल की यह बैठक कई सामाजिक, आर्थिक और बुनियादी ढांचे से जुड़े महत्वपूर्ण फैसलों के लिए याद रखी जाएगी। चाहे वह लोकतंत्र की रक्षा में दिए गए बलिदानों की स्मृति हो या किसानों और शहरी विकास को बढ़ावा देने की पहल — ये निर्णय देश के भविष्य को सशक्त करने की दिशा में उठाए गए अहम कदम हैं।

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