ईरान में इजरायली एयरस्ट्राइक:- एक झटका, एक मिसाइल और गिर पड़ा वो चेहरा जिसने सालों तक परदे के पीछे हिंसा की पटकथा लिखी थी। इजरायल और ईरान के बीच छिपी टकराव की आग अब खुलकर सामने आने लगी है। इस बार इजरायल ने सीधे ईरान की धरती पर एक सटीक और बेहद रणनीतिक हमला करते हुए कुद्स फोर्स के वरिष्ठ अधिकारी सईद इजादी को खत्म कर दिया है।

इजादी वो नाम है जो चुपचाप हमास और ईरानी सत्ता के बीच कड़ी बना हुआ था। आईडीएफ (Israel Defense Forces) के अनुसार, वह हमास की गतिविधियों को न केवल फंड करता था, बल्कि रणनीति और हथियारों की सप्लाई में भी उसकी अहम भूमिका थी।
कोम में हुआ हमला, खत्म हुआ मास्टरमाइंड
टारगेट साफ था – ईरान के कोम इलाके में सईद इजादी की मौजूदगी की पुष्टि के बाद इजरायली सेना ने बेहद सटीक तरीके से हमला किया और उसे मार गिराया।
आईडीएफ ने सोशल मीडिया पर लिखा –
“ईरान द्वारा इजरायल को खत्म करने की योजना का मास्टरमाइंड अब खत्म हो चुका है।”
सईद इजादी कुद्स फोर्स के फिलिस्तीनी कोर का प्रमुख था। यही वह शख्स था जो लेबनान में बैठे हमास के नेटवर्क को निर्देश देता था और गाजा में हिंसक नियंत्रण बनाए रखने के लिए ईरान की नीतियों को आगे बढ़ाता था।
बेहनाम शाहरियारी: दूसरा बड़ा नाम भी गिरा
इसी कार्रवाई में एक और बड़ी सफलता इजरायल को मिली।
बेहनाम शाहरियारी, जो कि आईआरजीसी की कुद्स फोर्स में हथियार स्थानांतरण इकाई का प्रमुख था, उसे भी निशाना बनाकर खत्म कर दिया गया।
शाहरियारी वह शख्स था जो मिडिल ईस्ट में ईरान के प्रॉक्सी गुटों तक हथियार पहुंचाने का जिम्मेदार था – सीधे तौर पर इजरायल के खिलाफ तैयार हो रहे नेटवर्क का संचालन।
गाजा में भी एक और आतंकवादी कमांडर ढेर
20 जून को गाजा में अली सादी वास्फी अल-आगा नामक एक और आतंकी कमांडर को भी इजरायल ने मार गिराया था।
अल-आगा, मुजाहिदीन ब्रिगेड से जुड़ा था और गाजा में बड़े आतंकी हमलों की प्लानिंग कर रहा था।
वह असद अबू शरिया का उत्तराधिकारी बनने जा रहा था – जिसे कुछ दिन पहले ही इजरायली कार्रवाई में मारा गया।
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ये सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं – एक बड़ा संदेश भी है
इजरायल की इन सर्जिकल स्ट्राइक्स ने एक बात और साफ कर दी है – अब टकराव सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि रणनीतिक टारगेटिंग का नया दौर शुरू हो चुका है।
इसमें उन चेहरों को निशाना बनाया जा रहा है जो पर्दे के पीछे रहकर आग को हवा दे रहे थे।
मानवता का सवाल: क्या ये अंत है या एक और शुरुआत?
इन कार्रवाइयों में भले ही इजरायल को सामरिक सफलता मिली हो, लेकिन हर बम के पीछे एक सवाल भी है – आखिर कब तक चलेगा यह चक्र?
हथियार, हमले और जवाबी हमले… इन सबसे परे असली कीमत आम इंसानों को चुकानी पड़ती है – वो जो न नेता हैं, न सैनिक, बस आम ज़िंदगी जीना चाहते हैं।