म्यांमार-थाईलैंड भूकंप: म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार की सुबह तेज भूकंप आया, जिससे लोगो का जीवन थम सा गया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 मापी गई। भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में 10 किलोमीटर की गहराई पर था।

जोरदार झटकों से लोगों में दहशत

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए जिस कारण लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। भूकंप के कारण कई जगहों पर सड़कों में दरारें आ गईं और कुछ इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। स्थानीय निवासियों के अनुसार, भूकंप के बाद भी कई बार हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई।

20 लोगों की मौत, कई हुए घायल

इस तेज भूकंप के कारण अब तक 20 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य लोग घायल हुए हैं। अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है, और प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए विशेष टीमों की तैनाती की गई है। अधिकारियों के अनुसार, हताहतों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि अभी भी कई इलाकों में नुकसान का सही आकलन नहीं हो पाया है।

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भारत में भी महसूस हुए भूकंप के झटके

कोलकाता और इंफाल में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। इंफाल के थंगल बाजार में लोग डरकर अपने घरों और दुकानों से बाहर आ गए। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कुछ इलाकों में लोग पूरी रात सड़कों पर ही रहे। अभी तक भारत में किसी बड़े नुकसान होने की सूचना प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन पूरी तरह से भूकंप के झटकों को लेकर सतर्क है और भूकंप प्रभावित इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी म्यांमार और थाईलैंड भूकंप पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। उन्होंने अधिकारियों को सतर्क रहने और प्रभावित देशों की सरकारों से संपर्क बनाए रखने के विदेश मंत्रालय को निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री ने प्रभावित लोगों की सुरक्षा और उनके पुनर्वास के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया।

राहत और बचाव कार्य जारी

म्यांमार और थाईलैंड में राहत टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। स्थानीय प्रशासन और रेड क्रॉस की टीमें घायलों को अस्पताल पहुंचा रही हैं और जरूरतमंद लोगो को हर संभव मदद मुहिया करा रही हैं। म्यांमार और थाईलैंड के कई इलाकों में बिजली और संचार व्यवस्था बिल्कुल थम गई है, जिस कारण लोगो को बचाने में कठिनाई हो रही है। सरकार ने आपातकालीन सेवाओं को तेज करने और प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री पहुंचाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है।

आफ्टरशॉक्स का खतरा बरकरार

विशेषज्ञों के अनुसार, यह क्षेत्र भूकंपीय रूप से संवेदनशील है और आफ्टरशॉक्स आने की संभावना बनी हुई है। स्थानीय सरकारों ने लोगों से लोगो से सतर्क रहने और भूकंप के झटके महसूस होने पर सुरक्षित स्थानों पर जाने का अनुरोध किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह के भूकंप के बाद कुछ दिनों तक और झटके आ सकते हैं, जिससे और अधिक सतर्कता की जरूरत है।

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लोगों की सुरक्षा के लिए क्या करें

भूकंप से हुए प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को प्रशासन की गाइडलाइन्स का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। मजबूत इमारतों से दूर रहें, और सुरक्षित खुले स्थानों में रहने का प्रयास करें। जरूरत पड़ने पर सरकारी आपातकालीन हेल्पलाइन से संपर्क करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।


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