वडोदरा कार हादसा: गुजरात के वडोदरा में हुए एक भयानक सड़क हादसे ने शहर को झकझोर कर रख दिया। इस भयानक हादसे में एक महिला की भी दर्दनाक मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग घायल हो गए। हादसे में बचे एक व्यक्ति ने बताया कि आरोपी, 23 वर्षीय रक्षित चौरसिया, मौज-मस्ती के लिए तेज रफ्तार से वाहन चला रहा था और उसे नशे में भी देखा गया था।

वडोदरा कार हादसा

कैसे हुआ हादसा?

होली यानि शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे वडोदरा के एक प्रमुख इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। विकास केवलानी, जो इस हादसे में घायल हुए हैं, उन्होंने बताया कि वे अपनी सोसायटी के दो अन्य लोगों के साथ बाइक पर निकले थे। उसी दौरान एक बेकाबू कार ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। दुर्घटना के बाद जब विकास नामक व्यक्ति को होश आया, तो उन्होंने देखा कि आरोपी ने कई और अन्य वाहनों को भी जबरदस्त टक्कर मारी थी।

हादसे में कौन-कौन हुए घायल?

  • हेमाली पटेल (38): हादसे में गंभीर चोटों की वजह से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
  • विकास केवलानी (34): सिर और पैर में गंभीर चोटें आईं, अस्पताल में भर्ती।
  • हेमाली पटेल के पति (40): हाथ और कंधे में फ्रैक्चर।
  • एक अन्य राहगीर (30): मामूली चोटें।

चश्मदीद के मुताबिक, आरोपी की कार की रफ़्तार इतनी ज्यादा थी कि टक्कर लगने के बाद बाइक 10 फीट दूर जा गिरी और कार ने एक फुटपाथ को भी टक्कर मार दी।

आरोपी की मस्ती, लोगों के जीवन से खिलवाड़!

घायल विकास केवलानी के मुताबिक, “आरोपी सिर्फ अपनी मौज-मस्ती के लिए इतनी तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहा था। उसे न तो सड़क पर चल रहे लोगों की परवाह थी और न ही अपने कृत्य के परिणामों की। वह पूरी तरह से लापरवाह दिख रहा था और नशे में भी लग रहा था।” प्रत्यक्षदर्शियों ने भी पुष्टि की कि आरोपी ने दुर्घटना के बाद कार से बहार निकलकर ‘एक और राउंड, एक और राउंड’ चिल्लाना शुरू कर दिया था, जिससे उसकी मानसिक स्थिति पर भी सवाल खड़े होते हैं।

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आरोपी ने दी सफाई, लेकिन सवाल बरकरार!

आरोपी रक्षित चौरसिया ने पुलिस को बताया कि वह सिर्फ 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रहा था और सड़क पर गड्ढों के कारण उसका नियंत्रण बेकाबू हो गया। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों और घायलों के बयानों से यह साफ तोर पर जाहिर होता है कि आरोपी नशे की हालत में था और जानबूझकर तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहा था।

क्या सिर्फ जुर्माना काफी है?

घायल विकास केवलानी ने मांग की है कि ऐसे मामलों में केवल जुर्माना लगाकर छोड़ देना समाधान नहीं हो सकता। “अगर इस तरह के लापरवाह ड्राइवरों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो कोई भी सड़क पर सुरक्षित नहीं रहेगा,” उन्होंने कहा।

सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामलों में आरोपी को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।

पुलिस की कार्रवाई और कानूनी प्रक्रिया

पुलिस द्वारा आरोपी रक्षित चौरसिया को हिरासत में ले लिया है और उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

आरोपी पर लगे आरोप:

  • आईपीसी धारा 304A – लापरवाही से हुई मौत
  • आईपीसी धारा 279 – खतरनाक तरीके से वाहन चलाना
  • आईपीसी धारा 338 – गंभीर चोट पहुँचाना
  • मोटर व्हीकल एक्ट 185 – शराब पीकर गाड़ी चलाना

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न्याय की मांग और सुरक्षा का सवाल

यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि व्यक्ति की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैये का नतीजा है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या आरोपी को सख्त सजा होगी? या फिर क्या ऐसे मामलों में सिर्फ मुआवजा और जुर्माना लगाकर मामले को रफादफा जाएगा है? यह तो आने वाला समय ही बताएगा

सरकार और प्रशासन को इस मुद्दे पर गंभीरता से सोच विचार करना होगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं होने से रोकी जा सकें और निर्दोष लोगों की जान भी न जाए।

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