नई दिल्ली: आखिरकार वो समय आ ही गया जिसका सबको लंबे वक्त से इंतजार था! NASA की मशहूर अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर स्पेस में 286 दिन का समय बिताने के बाद धरती की ओर लौट रहे हैं।

सुनीता विलियम्स की ऐतिहासिक 'घर वापसी'

सुनीता विलियम्स की धरती पर लोटने की कोई साधारण यात्रा नहीं है। दोनों को भारतीय समयानुसार मंगलवार सुबह 10:35 बजे स्पेसX के ड्रैगन अंतरिक्ष यान में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से रवाना किया गया। अब, 17 घंटे की रोमांचक यात्रा के बाद, अंतरिक्ष यान बुधवार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के खाड़ी तट पर समंदर में स्प्लैशडाउन करेगा। यानी, यह स्पेसक्राफ्ट पैराशूट की मदद से समुद्र में सुरक्षित लैंड करेगा।

एक छोटा मिशन, जो बन गया 9 महीने की चुनौती!

बता दें कि सुनीता और बुच विल्मोर को पिछले साल 5 जून 2025 को बोइंग स्टारलाइनर के माध्यम से ISS भेजा गया था।

बुनियादी योजना के अनुसार, ये मिशन केवल 10 दिनों का था। लेकिन अंतरिक्ष यान में तकनीकी समस्केया के कारण, ISS से ये दोनों यात्री धरती पर वापस नहीं लौट सके। धीरे-धीरे, यह सुनीता विलियम्स की ऐतिहासिक ‘घर वापसी’: 286 दिन बाद अंतरिक्ष से लौट रही हैं धरती पर

हालांकि, अंतरिक्ष यात्रियों ने इस अप्रत्याशित समय को पूरी तरह से इस्तेमाल किया और ISS पर कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम दिया।

कैसे हुई घर वापसी की तैयारी?

NASA और SpaceX ने Crew-10 मिशन के तहत 4 नए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा। उनका काम ISS पर मौजूद सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर, निक हेग और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव की जगह लेना था।

नए यात्रिओं के पहुंचने के बाद, स्पेस स्टेशन पर पहले से मौजूद चारों अंतरिक्ष यात्रियों ने अपने कार्यों का हैंडओवर किया, ताकि ISS का प्रबंधन सुचारू रूप से चलता रहे। इसके बाद, सुनीता विलियम्स और उनके साथियों को घर लौटने की इजाज़त दी गई।

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स्प्लैशडाउन: एक रोमांचक लेकिन संवेदनशील प्रक्रिया

अब लोगो के मन में सवाल उठते है कि आखिर अंतरिक्ष से धरती पर लौटने की प्रक्रिया में किन कठनाइयों का सामना करना होता है? असल में, स्पेसक्राफ्ट की रिटर्न एंट्री सबसे खतरनाक चरणों में से एक होती है। जब अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो इसका बाहरी हिस्सा लगभग 1650°C तक गर्म हो जाता है।

इसके बाद, एकदम सटीक गणना के साथ पैराशूट सिस्टम को एक्टिवेट किया जाता है, ताकि स्पेसक्राफ्ट समुद्र में धीरे-धीरे लैंड करे। अगर कोई भी गलती होती है, तो यह मिशन खतरे में पड़ सकता है।

स्पेसएक्स और NASA की टीमें इस पूरे मिशन को लाइव मॉनिटर कर रही हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।

सुनीता विलियम्स बनी: प्रेरणा की मिसाल!

सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की उन चुनिंदा अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं, जिन्होंने बार-बार अंतरिक्ष में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने अब तक अंतरिक्ष में दो बार लंबे मिशन पूरे किए हैं और ISS पर रहते हुए सबसे ज्यादा स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।

उनकी इस अनोखी यात्रा ने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। अब, जब वो वापस लौट रही हैं, तो भारत और दुनियाभर के लोग उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

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अब इंतजार सिर्फ उस ऐतिहासिक क्षण का है, जब अंतरिक्ष यान फ्लोरिडा के समुद्री जल में सुरक्षित लैंड करेगा और सुनीता विलियम्स अपने घर की मिट्टी को फिर से महसूस कर पाएंगी।

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